50 साल से हुई राजनीति, हमने परवान चढ़ाई परवन-मुख्यमंत्री

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-बारां में राज्य सरकार की चौथी वर्षगांठ का समारोह

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि हाड़ौती की लाइफलाइन परवन सिंचाई परियोजना के नाम पर 50 साल से राजनीति होती रही, वादे कर लोगों के साथ छल किया गया, लेकिन यह परवान नहीं चढ़ पाई।

हमारी सरकार ने इसे हकीकत में बदलने के लिए दिन-रात एक कर दिया और नतीजा आज आप आपके सामने है। परवन का पानी अब जल्द ही हाड़ौती के कोटा, बूंदी और बारां जिले के लाखों किसानों को सरसब्ज करेगा और यहां के सैकड़ों गांवों की प्यास बुझाएगा।

राजे शुक्रवार को बारां में सरकार की चौथी वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में 6490 करोड़ की महत्वाकांक्षी परवन बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के शिलान्यास सहित 8487 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास के बाद बड़ी संख्या में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित कर रही थीं।

राजस्थान करा सकेगा आईजीएनपी की मरम्मत- गडकरी
समारोह को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजस्थान इन्दिरा गांधी नहर कैनाल की शीघ्र मरम्मत करवा सकेगा। इसके लिए आवश्यक एनओसी शीघ्र जारी होगी। इस संबंध में उनकी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से चर्चा हो चुकी है। 

राजस्थान को मिलेगा पूरा पानी
गडकरी ने कहा कि जल्द ही वे राजस्थान, हरियाणा, पंजाब तथा दिल्ली के बीच अन्तर्राज्यीय जल विवादों को दूर करेंगे। इससे राजस्थान सहित अन्य राज्यों को अपने-अपने हक का पूरा पानी मिलेगा। उन्होंने कहा कि यमुना के सरप्लस पानी का उपयोग राजस्थान कर सके, इसके लिए वे योजना पर काम कर रहे हैं।

नर्मदा के पानी के लिए भी उनका मंत्रालय हर संभव मदद करेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली-जयपुर ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे शीघ्र बनेगा इसके लिए जमीन अवाप्ति का काम जल्द शुरू होगा। एक साल में जयपुर रिंग रोड का काम पूरा हो जायेगा। 

बायो ईंधन से बढ़ेगी किसानों की आय
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने एथेनॉल तथा बायो ईंधन के उपयोग की योजना तैयार की है। इससे किसानों की आय बढे़गी और पेट्रोलियम पदार्थों के उपयोग और आयात में कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार भी इस संबंध में नीति बनाकर प्रदेश के किसानों को लाभ पहुंचा सकती है। 

गडकरी ने कहा कि अब नहरों के लिए किसानों की जमीन अवाप्त नहीं होगी, बल्कि भूमिगत लाइन डालकर पानी लाया जायेगा और ड्रिप पद्धति से खेती होगी। इससे जल की बड़ी बचत होगी और उत्पादन में भारी वृद्धि से किसानों की आय बढे़गी।

परवन बदलेगी हाड़ौती की भाग्यरेखा
राजे ने कहा कि परवन सिंचाई परियोजना के पूरा होने पर यह बारां, झालावाड़ और कोटा जिले के लिए जीवनरेखा बनेगी। इस परियोजना में बनने वाले बांध की भराव क्षमता 490 मिलियन घन मीटर है। जिसके पूरा हो जाने से 317 मिलियन घनमीटर पानी सिंचाई के लिए मिलने लगेगा।

परियोजना का पहला चरण पूरा होने पर बारां के 194, झालावाड़ के 81 और कोटा जिले के 38 सहित कुल 313 गांवों की 1 लाख 31 हजार 400 हैक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी। 

उन्होंने कहा कि परियोजना का दूसरा चरण पूरा होने पर बारां के 118, झालावाड़ के 36 और कोटा के 170 सहित कुल 324 अतिरिक्त गांवों की 70 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इस परियोजना में सिंचाई जल का उपयोग बून्द-बून्द और फव्वारा पद्धति से किया जाएगा।

सिंचाई के साथ-साथ इस परियोजना से पेयजल की सुविधा भी मिलेगी। परियोजना से 50 मिलियन घन मीटर पानी बारां, झालावाड़ व कोटा जिले के 1 हजार 821 गांवों की प्यास बुझायेगा। इस परियोजना से शेरगढ़ अभयारण्य को 16 मिलियन घन मीटर पानी मिलेगा। परियोजना के 79 मिलियन घनमीटर जल से 2970 मेगावाट तापीय विद्युत उत्पादन हो सकेगा।

सिंचाई तंत्र को बनाया मजबूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सिंचाई तंत्र को मजबूत बनाना हमारी प्राथमिकता रही है। हमने इंदिरा गांधी नहर परियोजना सहित विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं पर 5 हजार 633 करोड़ रुपये व्यय कर करीब 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई है।

चम्बल नहर प्रणाली में हमने 383 करोड़ से 114 किमी मुख्य नहर और लाइनिंग का काम किया। चम्बल की बांयी मुख्य नहर की मरम्मत के लिए हमने 171 करोड़ रु. और दांयी नहर की मरम्मत के लिए 294 करोड़ रु. स्वीकृत किए। माही, चम्बल, साबरमती, लूनी, सूकली और पश्चिम बनास बेसिन में 540 करोड़ रूपये की लागत से 262 माइक्रो सिंचाई टैंक, 42 माइक्रो स्टोरेज टैंक और 48 चैक डेम बनवाए हैं।

बड़ी सिंचाई परियोजनाओं में 852 करोड़ रुपये की धौलपुर लिफ्ट परियोजना का काम भी हाथ में लिया जा रहा है। ये वो परियोजना है जो 50 वर्ष में भी जमीन पर नहीं आ पाई। इसे अब हम हकीकत में बदल रहे हैं। 

 कोई पंचायत गौरव पथ से वंचित नहीं रहेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बारां जिले में हमारी सरकार ने इन 4 सालों में विकास के लिए 3787 करोड़ रु. स्वीकृत किये। जबकि पिछली सरकार ने अपने 5 वर्षाें में सिर्फ 1903 करोड़ रुपये ही व्यय किए।

राजे ने कहा कि झालावाड़ और बारां जिले में सड़कों का जैसा जाल बिछा है वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आने वाले साल में बारां और झालावाड़ की कोई ग्राम पंचायत ग्रामीण गौरव पथ से वंचित नहीं रहेगी।

केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने समारोह में राजस्थान को नये नेशनल हाइवे की सैद्धांतिक स्वीकृति एवं उच्च पुलों की सौगात दी। उन्होंने कहा कि इनका कार्य अगले तीन माह में शुरू हो जायेगा। जो इस प्रकार हैं – 

• कोटा-सांगोद-कवाई एनएच 103 किलोमीटर
• झालावाड़-बारां एनएच 78 किलोमीटर 
• बारां-मांगरोल-श्योपुर एनएच 43 किलोमीटर 
• परवन-फतेहगढ़-गुना-टीकमगढ़-गुलगंज एनएच 22 किलोमीटर
• कवाई जंक्शन से छबड़ा-सदा कॉलोनी (एनएच-46) 48 किलोमीटर
• कोटा-रावतभाटा-सिंगोली-रतनगढ़-मोरवा-मनसा-नारायणगढ़-पीपलिया मंडी-मंदसोर 68 किलोमीटर
• लाखेरी-इटावा-मांगरोल 61 किलोमीटर
• उनियारा-इन्द्रगढ़ 27 किलोमीटर
• एनएच 90 पर परवन नदी पर उच्च पुल की 60 करोड़ की डीपीआर मंजूर
• ल्हासी पुल की 16 करोड़ की डीपीआर मंजूर

ये हुए लोकार्पण और शिलान्यास
1. परवन बहुद्देशीय सिंचाई परियोजना (6489.59 करोड़ रू.)
2. अटरू- शेरगढ़ पेयजल परियोजना (89.69 करोड़ रू.)
3. सोनवा पेयजल परियोजना (105.15 करोड़ रू.)
4. राजकीय अभियान्ति्रक महाविद्यालय भवन, बारां (164.00 करोड़ रू.)
5. राजकीय महाविद्यालय भवन, छबड़ा, का निर्माण कार्य (6 करोड़ रू.)
6. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, नाहरगढ़, का भवन निर्माण कार्य (3.89 करोड़ रू.)
7. एनएच- 52 के दर्रा-झालावाड-तीनधार की 4 लेन परियोजना 48.80 किमी (1317 करोड़ रू.)
8. छबड़ा – कुम्भराज सड़क का चौड़ाईकरण, उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण कार्य (40 करोड़ रू.)

लोकार्पण/उद्घाटन
1. नागदा अन्ता बलदेवपुरा जलप्रदाय योजना (78.98 करोड़ रू.)
2. ल्हासी पेयजल परियोेजना, छबड़ा-छीपा बड़ोद, बारां (95.49 करोड़ रू.)
3. राजकीय जिला चिकित्सालय, बारां में अडानी बहिरंग भवन (11 करोड़ रू.)
4. अटरू गऊघाट बडोरा खानपुर सड़क का चौड़ाईकरण एवं सुदृढ़ीकरण (52.88 करोड़ रू.)
5. एडियान मन्दिर से कुम्भराज सड़क पर निर्मित पुलिया (3.40 करोड़ रू.)
6. स्वामी विवेकानन्द मॉडल स्कूल भवन, छीपा बड़ोद(सारथल) (6.46 करोड़ रू.)
7. सहरिया आवासीय विद्यालय भवन, कोयला (9.80 करोड़ रू.)
8. सहरिया आवासीय विद्यालय भवन, कवाई (9.80 करोड़ रू.)
9. बहुद्देशीय जनजाति छात्रावास भवन, बारां (आमापुर) (3.92 करोड़ रू.)