रिश्वत प्रकरण : एसीबी जांच के घेरे में ईपीएफओ कमिश्नर

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बुधवार को सिक्योरिटी एजेंसी संचालक से 25 हजार लेते पकड़े गए थे 2 पीएफ इंस्पेक्टर

कोटा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के उप क्षेत्रीय कार्यालय के 2 इंस्पेक्टरों के 25 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में अब एसीबी ईपीएफओ कमिश्नर एमके गोलिया से भी पूछताछ करेगी। दोनों इंस्पेक्टरों के बयान के बाद एसीबी अब कमिश्नर की भूमिका की जांच करना चाहती है।

एसीबी अब कभी भी कमिश्नर एमके गोलिया से इस बारे में पूछताछ करने के लिए उन्हें ऑफिस बुला सकती है। इधर, एसीबी ने दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के दूसरे दिन शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों को 20 नवंबर तक जेल भेज दिया है। यह राशि राघव सिक्योरिटी एजेंसीके संचालक जीएल मीणा से पैनल्टी माफ करने की एवज में ली गई थी।

एसीबी अधिकारियों का कहना है कि दोनों इंस्पेक्टर नलिन भट्ट और सुरेश सैनी पैसा लेने के लिए बुधवार शाम 6 बजे कंसुआ स्थित जीएल मीणा के सिक्योरिटी एजेंसी ऑफिस गए। गिरफ्तार करने के बाद दोनों से एसीबी ने प्रारंभिक पूछताछ शुरू की तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोटा से जयपुर तक ऊपर के अधिकारियों को भी पैसा देना पड़ता है।

इस तथ्य के सामने आने के बाद एसीबी ने एक इंस्पेक्टर के मोबाइल से उसी समय कमिश्नर के फोन पर बात करने को कहा। इंस्पेक्टर नलिन ने एसीबी के सामने कमिश्नर महेश कुमार को फोन करके कहा कि वो राघव सिक्योरिटी एजेंसी पर आए हैं और यह 25 हजार रुपए दे रहा है।

जिस पर कमिश्नर कुछ पल को चुप हो गए और फिर बोले कि तुम जानो, तुम्हारा काम जाने… कल बात करना। इसके बाद फोन कट गया। इस तथ्य के सामने आने के बाद अब एसीबी संदेह के आधार पर कमिश्नर अन्यों से पूछताछ करेगी। इधर, यह जानकारी मिलने के बाद कमिश्नर का पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किए गए, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।