नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने कैश में लेनदेन को सामान्य करने के लिए 500 रुपए के नोटों की प्रिंटिंग बढ़ा दी गई है। वहीं, 2000 रुपए के नए नोट अब नहीं जारी किए जा रहे हैं। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि सिस्टम में करीब 7 लाख करोड़ रुपए 2000 के नोट में उपलब्ध हैं।
भारत में लेनदेन के लिए 500, 200 और 100 रुपए की करंसी आसानी से उपलब्ध है। अतिरिक्त डिमांड पूरी करने के लिए 500 रुपए के नोट में रोज करीब 3000 करोड़ रुपए छापे जा रहे हैं। देश में अब कैश की स्थिति पहले से बेहतर है। वहीं, ब्याज दरों में तेजी आने के उम्मीदों पर गर्ग ने कहा कि इकोनॉमी के फंडामेंटल अभी ऐसे नहीं है कि ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की जाए। इस समय महंगाई में भी कोई बेमेल वृद्धि नहीं है या उत्पादन में भी बहुत अधिक ग्रोथ नहीं आई है।
इकोनॉमी के फंडमेंटल्स पर गर्ग ने कहा कि देश में पिछले सप्ताह कैश की स्थिति की समीक्षा की गई और 85 फीसदी एटीएम काम कर रहे थे। कुल मिलाकर कैश की स्थिति देश में बिलकुल बेहतर है। पर्याप्त कैश है, जिसकी सप्लाई की जा रही है और अतिरिक्त मांग भी पूरी हो रही है। अभी देश में कैश की कोई किल्लत या परेशानी है, ऐसी स्थिति नहीं है।
सिस्टम में 2000 रुपए नोट के 7 लाख करोड़ रुपए
उन्होंने बताया कि अभी सर्कुलेशन में 2000 रुपए नोट के करीब 7 लाख करोड़ रुपए हैं। जोकि पर्याप्त है। इसलिए 2000 के नए नोट जारी नहीं किए जा रहे हैं।
500, 200 और 100 रुपए के नोट लोगों के मझौले लेनदेन के लिए उपलब्ध है। 2000 रुपए में लेनदेन करना लोगों के लिए सहज नहीं है। 500 रुपए के नोट की पर्याप्त सप्लाई है। इसका प्रोडक्शन हमने बढ़ाकर करीब 2500-3000 करोड़ रुपए रोजाना किया है। इसलिए यह डिमांड से काफी ज्यादा है।
करंसी नोटों की सिक्युरिटी पुख्ता कर रहा आरबीआई
रिजर्व बैंक करंसी नोटों की सिक्युरिटी को पुख्ता कर रहा है, जिससे कि इनकी नकल न की जा सके। गर्ग ने बताया कि पिछले ढाई साल में देश में हाई क्वालिटी जाली नोटों की मौजूदगी काफी कम, लगभग न के बराबर रही। लेकिन फिर भी आरबीआई लगातार समीक्षा कर रहा है और करंसी नोटों में नए फीचर जोड़ रहा है।