ISRO का साल का पहला मिशन कामयाब: 19 सैटेलाइट लॉन्च, 13 इनमें अमेरिका के

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file photo

चेन्नई। इसरो ने रविवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV-C51 को लॉन्च किया। यह देश में अपनी तरह का पहला स्पेस मिशन है। PSLV-C51 अपने साथ ब्राजील के सैटेलाइट एमेजोनिया-1 समेत 18 अन्य उपग्रह लेकर गया है। इनमें 13 सैटेलाइट अमेरिका के हैं। यह इसरो का 2021 में पहला लॉन्च है। इस लॉन्‍च की खास बात यह है कि इसके साथ भगवदगीता भी अंतरिक्ष में भेजी गई है।

इन सैटेलाइट्स में चेन्नई की स्पेस किड्ज इंडिया (SKI) का सतीश धवन ST (SD-ST) भी शामिल है। इस अंतरिक्ष यान के टॉप पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो उकेरी गई है। SKI के मुताबिक, इसके साथ एक एसडी कार्ड में सेव ‘भगवद गीता’ भी भेजी गई है।

इस रॉकेट से 637 किलो के ब्राजीलियाई उपग्रह अमेजोनिया-1 को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया। इसके अलावा 18 अन्य सैटेलाइट्स भी अंतरिक्ष में भेजे गए। इनमें से 13 अमेरिका से हैं। 2021 में भारत का यह पहला अंतरिक्ष अभियान PSLV रॉकेट के लिए काफी लंबा रहा, क्योंकि इसके उड़ान की समय सीमा 1 घंटा 55 मिनट और 7 सेकेंड रही। रविवार सुबह रॉकेट की लॉन्चिंग के साथ ही भारत की तरफ से लॉन्च किए गए विदेशी सैटेलाइट की कुल संख्या 342 हो गई।

ISRO के मुताबिक, अमेजोनिया-1 उपग्रह की मदद से अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई और ब्राजील में कृषि क्षेत्र से संबंधित अलग-अलग विश्लेषणों के लिए यूजर्स को रिमोट सेंसिंग डेटा प्रदान कर मौजूदा संरचना को और भी मजबूत बनाने का काम किया जाएगा।

18 अन्य सैटेलाइट्स में से चार इन-स्पेस से हैं। इनमें से तीन भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के संघ यूनिटीसैट्स से हैं, जिनमें श्रीपेरंबदुर में स्थित जेप्पिआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नागपुर में स्थित जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और कोयंबटूर में स्थित श्री शक्ति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी शामिल हैं। एक का निर्माण सतीश धवन सैटेलाइट स्पेस किड्ज इंडिया द्वारा किया गया है और 14 एनएसआईएल से हैं।

भारत-ब्राजील के लिए गर्व की बात : सिवन
ISRO के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि यह भारत और ब्राजील दोनों के लिए गर्व का विषय है। अमेजोनिया-1 को पूरी तरह से ब्राजील के वैज्ञानिकों ने बनाया और विकसित किया था। इसके लिए हम उन्हें बधाई देते हैं।