GST चोरी पर बिना FIR हो सकती है गिरफ्तारी, अग्रिम जमानत भी नहींः SC

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नई दिल्ली।सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को सलाह दी है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी करने वाले या जीएसटी कानून का उल्लंघन करने वाले आरोपियों को अग्रिम जमानत नहीं दी जाए। वहीं कोर्ट की तरफ से यह भी साफ किया गया कि बिना एफआईआर दर्ज किए भी आरोपी की गिरफ्तारी हो सकती है।

बुधवार को इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ के समक्ष की गई थी। पीठ ने कहा कि जीएसटी चोरी करने के आरोपियों को जमानत देने के मामले में विभिन्न उच्च न्यायालयों ने अलग-अलग रुख अपनाया है, इस कारण गिरफ्तारी की शक्ति की समीक्षा की जरूरत है।

साथ ही पीठ ने सभी उच्च न्यायालयों को इस तरह के मामलों में जमानत देने से पहले अपने उस आदेश को ध्यान में रखने को कहा जिसमें उसने तेलंगाना उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखा था। उक्त आदेश में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस तरह के मामलों में किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी से बचने की छूट नहीं दी जा सकती है। पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिये तीन न्यायाधीशों की पीठ के सुपुर्द कर दिया।

जीएसटी कानून के उल्लंघन पर हो सकते हैं गिरफ्तार
सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा है। असल में जीएसटी कानून का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होने पर आरोपी हाईकोर्ट की शरण में चला गया जहां आरोपी के पक्ष में फैसला दिया गया।

हाईकोर्ट के फैसले में यह भी सामने आया कि जीएसटी कानून का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार करने से पहले उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना आवश्यक है जबकि केंद्र की दलील है कि बिना एफआईआर दर्ज के ही इस प्रकार के आरोपी को गिरफ्तार किया जा सकता है। अब इस मामले में स्पष्टीकरण को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है
केंद्र ने अपनी याचिका में दलील दी है कि सीजीएसटी के अधिकारी सीजीएसटी एक्ट 2017 के तहत काम कर रहे हैं और उन्हें किसी को गिरफ्तार करने के लिए एफआईआर कराने की जरूरत नहीं है और न ही उन पर इस बात के लिए दबाव बनाया जा सकता है। केंद्र सरकार की दलील है कि सीजीएसटी कानून के तहत आयुक्त को गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया है, अगर वह आयुक्त यह समझता है कि फलां व्यक्ति ने जीएसटी कानून का उल्लंघन किया है।

केंद्र ने बांबे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि किसी व्यक्ति को जीएसटी कानून के तहत भी गिरफ्तार करने के लिए क्रिमिनल प्रोसेड्यूर कोड की प्रक्रिया को अपनाना होगा एवं एफआईआर भी करवानी पड़ेगी। इस मामले के अभियुक्त की जांच सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस कर रहा था। अभियुक्त ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।