नई दिल्ली। जापानी कार निर्माता Suzuki Motor Corp (सुजुकी मोटर कॉर्प) भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में एंट्री करने की तैयारी में है। रिपोर्ट के अनुसार सुजुकी साल 2025 तक भारत में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च कर सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, नया इलेक्ट्रिक वाहन पहले भारत में लॉन्च किया जाएगा, और फिर सुजुकी के घरेलू बाजार जापान और यूरोप जैसे अन्य बाजारों में उतारा जाएगा।
सुजुकी भारत में अपने कारों के कारोबार को मारुति के साथ साझेदारी में चलाती है। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी कथित तौर पर भारतीय ग्राहकों के लिए एक ऑल-इलेक्ट्रिक कॉम्पैक्ट मॉडल लॉन्च करने की योजना बना रही है। हालांकि रिपोर्ट में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन इस इलेक्ट्रिक कार की कीमत 10 लाख रुपये से 11 लाख रुपये के बीच होने की संभावना है। लगभग 13,626 डॉलर (10,19,872 रुपये) की कीमत की इलेक्ट्रिक वाहन पर सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी भी शामिल होगी।
अगर रिपोर्ट पर विश्वास किया जाए, तो यह जापानी कार निर्माता को कॉम्पैक्ट कारों के सेगमेंट में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर तेजी से बढ़ने में मदद करेगी। मारुति सुजुकी इंडिया इस समय भारत में सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी है, और एशियाई बाजारों में जापानी कार निर्माता का प्रमुख गढ़ भी है। भारत में मारुति सुजुकी की बिक्री में ज्यादातर छोटी, कॉम्पैक्ट कारों जैसे ऑल्टो, वैगनआर, बलेनो और स्विफ्ट का बोलबाला है।
मारुति सुजुकी काफी समय से भारतीय सड़कों पर वैगनआर जैसी अपनी लोकप्रिय कार के कुछ इलेक्ट्रिक वर्जन की टेस्टिंग कर रही है। हालांकि, इसके लॉन्च को लेकर किसी तारीख की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जबकि कंपनी के ज्यादातर प्रतिद्वद्वियों ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है, या नजदीकी भविष्य में योजना बना रहे हैं, मारुति सुजुकी अब तक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की तुलना में सीएनजी टेक्नोलॉजी को लेकर ज्यादा उत्पाद पेश कर रही है।
दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा कार बाजार होने के बावजूद, जहां तक इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बदलाव का सवाल है, भारत ने ग्राहकों के व्यवहार में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं देखा है। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बात की जाए तो कुछ उत्साहजनक संकेत मिले हैं, इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर्स की कीमत, रेंज की चिंता और इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट की कमी जैसे कारणों से देश में ईवी की ग्रोथ धीमी हो गई है।
केंद्र ने पहले 2030 तक सभी कारों में से कम से कम 30 फीसदी के इलेक्ट्रिक होने का लक्ष्य रखा था। इलेक्ट्रिक कारों की ओर बदलाव को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए, केंद्र ने खरीदारों के लिए प्रोत्साहन की भी पेशकश की है। केंद्र ने खरीदारों को प्रोत्साहित करने के लिए लगभग 100 अरब रुपये की पेशकश की है, जो साल 2019 से तीन सालों तक दी जानी है। कई राज्य सरकारों ने भारत में ईवी में शिफ्ट होने को बढ़ावा देने के लिए अपनी खुद की इलेक्ट्रिक वाहन नीतियां भी तैयार की हैं। जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों के मांग में इजाफा होने की उम्मीद है।