आयात शुल्क घटने के बाद भी महंगा हुआ पाम तेल, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। सरकार के पाम ऑयल (Palm Oil) के आयात शुल्क (Import Duty) में कमी करने के बावजूद इसकी कीमतें बढ़ी हैं। घरेलू बाजार में इसकी कीमतें 6 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई है। घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में उछाल आने के बाद सरकार ने इस पर आयात शुल्क घटा दिया था। उद्योग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि भारत दुनिया में पाम तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। भारत से ज्यादा मांग आने की उम्मीद में वैश्विक बाजार में इसकी कीमतें बढ़ गई हैं।

वैश्विक बाजार में पाम तेल की कीमतों में उछाल का असर भारत में इसकी मांग पर पड़ सकता है। इससे सरकार इसके आयात शुल्क में और कमी करना से बचना चाहेगी, क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि आयात शुल्क में कमी का एक सीमा तक ही कीमतों पर असर पड़ता है।

सरकार ने 29 जून को तीन महीने के लिए क्रूड पाम तेल (CPO) पर आयात शुल्क 5 फीसदी तक घटा दिया था। इसके बाद से मलेशियाई पॉम तेल फ्यूचर्स में 9 फीसदी उछाल आया है। सरकार ने 30 जून को रिफाइंड पाम ऑयल के आयात की भी मजूरी दी थी।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बी वी मेहता ने कहा, “जैसे ही भारत में आयात शुल्क (Import Duty) में कटोती की, वैसे ही इंटरनेशनल सप्लायर्स ने कीमतें बढ़ा दीं।” उन्होंने कहा कि जब कभी भारत शुल्क में कटौती करता है, वैश्विक बाजार में इसकी कीमतें बढ़ जाती हैं।

भारत में पहुंचने के बाद क्रूड पाम ऑयल (Crude palm oil) की कीमत बढ़कर 1,085 डॉलर प्रति टन हो गई है। 29 जून को यह कीमत 1,020 डॉलर प्रति टन थी। इस दौरान रिफाइंड पाम ऑयल की कीमत 1,020 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1,055 डॉलर प्रति टन हो गई है।