थाने के रीडर ने मांगी 1.10 लाख की घूस; 50 हजार में सौदा, साला रकम लेकर फरार

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कोटा। एंटी करप्शन ब्यूरों (ACB) की टीम ने सांगोद थाने में तैनात कांस्टेबल दिनेश मीणा (30) को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। कांस्टेबल ने यह रकम सह परिवादी जय कुमार शर्मा से थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार नहीं करने के एवज में मांगी थी। देर रात रिश्वत की रकम लेने दिनेश मीणा अपने साथ साले के साथ बाइक पर कोटा आया था। जिसे एसीबी ने दबोच लिया। अंधेरा का फायदा उठाकर कांस्टेबल का साला रिश्वत की 11 हजार की राशि लेकर मौके से फरार हो गया। मामले में सांगोद थाना सीआई जयराम की भूमिका भी संदिग्ध सामने आई है। सीआई फिलहाल फरार है।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि परिवादी लक्ष्मी नारायण का मंगू बाई नामक महिला से प्लॉट को लेकर विवाद चल रहा था। ये प्लाट बाद में सह परिवादी जय कुमार ने खरीदा था। मामले में लक्ष्मीनारायण ने हाई कोर्ट से स्टे ले रखा था। सांगोद थाने में तैनात कांस्टेबल दिनेश मीणा जो रीडर का काम कर रहा था।

मुकदमे में गिरफ्तार करने की धमकी देकर पहले परिवादी लक्ष्मीनारायण से 10 हजार रुपए ले चुका था। परिवादी की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट द्वारा रोक के आदेश होने के बाद गिरफ्तार करने की धमकी देकर लक्ष्मीनारायण से 10 हजार व सह परिवादी जयकुमार को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में 1 लाख की मांग कर रहा था। जयकुमार के कहने पर 50 हजार में सहमति बनी। जिसमें 10 हजार खुद के लिए और 40 हजार सीआई के लिए लेना बताया।

10 जून को आरोपी ने सांगोद थाने में परिवादी से रिश्वत के मामले में बात की। लेकिन रिश्वत नहीं ली। रिश्वत लेने के लिए कोटा आने की कहा। जिसके बाद 25 जून शुक्रवार को आरोपी कांस्टेबल ने सह परिवादी जयकुमार से फोन पर बात की।जिसमें उसने सीआई के साथ कोटा आने की बात बताई। सह परिवादी के घर की तरफ मिलने को कहा।

इसके बाद ACB टीम ने जाल बिछाया। ACB की टीम सह परिवादी के घर के आसपास अलर्ट हो गई। कांस्टेबल ने अपने साले मोहित को रिश्वत की रकम लेने भेजा। लेकिन सह परिवादी ने कांस्टेबल से मिलकर रिश्वत देने की बात कहीं। ओर मेन रोड पर बुलाया। ACB की टीम ने 11 हजार की रकम देकर सह परिवादी को आरोपी कांस्टेबल के पास भेजा।

कांस्टेबल बाइक पर उसके साले मोहित के साथ आया। सह परिवादी को गली में ले गया। कांस्टेबल ने रिश्वत की रकम उसके साले मोहित को दिलवाई। बाकी 40 हजार रुपए बाद में देने को कहा। सह परिवादी का इशारा मिलते ही ACB की टीम ने बाइक सहित कांस्टेबल को दबोचा। जबकि कांस्टेबल का साला मोहित रिश्वत की रकम लेकर अंधेरा का फायदा उठाकर फरार हो गया।