एंटीलिया मामला: मनसुख हिरेन की हत्या का मास्टरमाइंड निकला प्रदीप शर्मा: NIA

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मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा एंटीलिया विस्फोटक कार और कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या मामले में बुरी तरह फंस गए हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के साथ ही शर्मा को भी हिरेन की हत्या का मास्टरमाइंड बताया है। उन्हें वाजे का गुरु भी बताया जाता है। शर्मा मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के मातहत काम भी कर चुके हैं। इसलिए इस मामले में कई अन्य लोग भी एनआईए के रडार पर हैं।

एनआईए का कहना है कि एंटीलिया कांड से लेकर हिरेन की हत्या की साजिश वाजे और शर्मा ने मिलकर रची थी। इसके लिए शर्मा ने अपने खास लोगों को काम पर लगाया था और उन्हें इसके लिए मोटी रकम भी दी गई थी। एनआईए की गिरफ्त में आने के बाद विनायक शिंदे, संतोष शेलार और आनंद जाधव ने यह राज खोला।

बताते हैं कि ये आरोपी शर्मा के खास आदमी थे। उसके कहने पर ही इन्होंने हत्या को अंजाम दिया और शव को ठिकाने लगाया। एनआईए की ओर से विशेष कोर्ट में दलील दी गई है कि हिरेन की हत्या के बाद शर्मा और वाजे को फोन कर बताया गया था कि काम हो गया है। इस साजिश में अब तक वाजे, रियाजुद्दीन काजी और सुनील माने सहित सजायाफ्ता कांस्टेबल विनायक शिंदे की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद एनआईए ने शर्मा पर शिकंजा कसा है।

एनआईए के सूत्र बताते है कि बर्खास्त इंस्पेक्टर सुनील माने से मिली जानकारी के आधार पर ही संतोष शेलार और आनंद जाधव को लातूर से गिरफ्तार किया गया। उसके बाद हत्या की कड़ियां जुड़ती गई।

एनआईए के अनुसार 4 मार्च को उस दौरान कांदिवली क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर सुनील माने ने हिरेन को रात में फोन कर घोड़बंदर रोड पर बुलाया था। इसके बाद उसकी हत्या की गई और फिर मुंब्रा के रेतीबंदर खाड़ी में फेंक दिया गया था। 5 मार्च को रेतीबंदर से ही हिरेन का शव बरामद हुआ।