भारत में सालाना 1500 टन हींग का आयात, लेकिन अब होगी हींग की खेती

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नई दिल्ली। हींग (Asafoetida) का इस्तेमाल भारत में सदियों से हो रहा है। लेकिन, भारत में इसका उत्पादन नहीं होता है। इसका आयात किया जाता है। Council of Scientific & Industrial Research (CSIR) ने भारत में उसके उत्पादन के लिए पहल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएसआईआर के कार्यक्रम में इस पहल की चर्चा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सीएसआईआर (CSIR) के कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हींग के लिए भारत हमेशा दुनिया के दूसरे देशों पर निर्भर रहा है। सीएसआईआर की पहल से अब देश में इसका उत्पादन (cultivation) हो शुरू हो गया है। भारत में हींग का उत्पादन होने से इसके आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

पिछले साल देश में शुरू हुई हींग की खेती
हींग एक प्रकार की जड़ी-बूटी है। हिमालय (Himalaya) के पहाड़ों में एक पौधे से यह मिलता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। CSIR ने देश में हींग की खेती के लिए Institute of Himalayan Bioresource, Palampur (IHBT) से मिलकर पिछले साल अक्टूबर में पहल की है। इस मिशन के तहत देश के हिमालयी क्षेत्र में इसकी खेती शुरू की गई है। इसके तहत हींग के 800 पौधे हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh) के लाहौल घाटी के क्वारिंग गांव में लगाए गए हैं।

सालाना 1500 टन हींग का आयात
एक अनुमान के मुताबिक, भारत हर साल करीब 940 करोड़ रुपये की हींग का आयात (import) करता है। भारत सालान करीब 1540 टन कच्चे हींग का आयात करता है। इसे मुख्य रूप से ईरान (Iran), अफगानिस्तान (Afghanistan) और उजबेकिस्तान (Uzbekistan) से आयात किया जाता है. पहले भी देश में हींग की खेती की कोशिश हो चुकी है. लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली है।

आईएचबीटी (IHBT) हिमाचल प्रदेश के राज्य कृषि विभाग के सहयोग से इसकी खेती कर रहा है। जानकारों का मानना है कि देश में हींग का उत्पादन होने से इसके आयात पर हमारी निर्भरता घटेगी। भारत कच्चे हींग का आयात करता। प्रोसेसिंग के बाद उसे बाजार में बेचा जाता है। बताया जाता है कि भारत में लगाए गए पौधों से हींग का उत्पदान पूरी तरह शुरू होने में 4 से 5 साल का समय लगेगा।

सेहत के लिए फायदेमंद है हींग
हींग सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। बदहजमी की स्थिति में हींग से बहुत आराम मिलता है। गैस की समस्या दूर करने में भी यह बहुत प्रभावी है। इसका इस्तेमाल श्वसन नाल से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए भी किया जाता है. दर्द की समस्या में भी इसके इस्तेमाल से फायदा होता है।