मुकेश भाटिया
कोटा। धनिया विगत कई दिनों से रुका हुआ है और लॉकडाउन की वजह से भी इसमें मांग कम थी, लेकिन अब धीरे धीरे लॉकडाउन की स्थिति से देश ऊबर रहा हैं इसलिए अब इसमें एक तरफा डिमांड देखने को मिल सकती है। जिसके कारण बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है।
धनिया वालों को एक माह ओर इंतजार करना पड़ सकता है। ज्यादा से ज्यादा 15 जुलाई से उसके बाद 1000 से 1500 रुपये का जबरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है। यदि धनिया 8000 लूज क्रॉस करता है, तो 9000 बनने में देर नहीं लगेगी। क्योंकि शुरू से ही गुजरात 55/60 लाख बोरी की पैदावार का आंकलन गलत था। अब चूंकि सीजन के 5 माह हो चुके हैं। आप स्वयं आंकलन करें कि कितनी बोरी आई है या कितना स्टॉक अभी बाकी है। पाइपलाइन पूरी खाली है।
स्टॉक का मन बनाते उससे पहले लॉकडाउन लग गया। साथ ही जैसा की मैं लगातार कह रहा हूं कि ना केवल भारत वरन खाद्य पदार्थों की विश्वव्यापी खपत लगातार बढ़ रही है। इसलिए किसी भुलावे में ना रहें, विशेषज्ञ लगातार अपने स्टेटमेंट चेंज करते रहते हैं। जो सही नहीं है। इससे उनकी विश्वनीयता भी नहीं रहती। मैं लगातार इस ओर इशारा करता रहता हूं।
यही हाल हल्दी का है। मराठवाड़ा में स्टॉक बहुत सीमित हाथों में हैं। इस वर्ष भी भाव नहीं मिलने के कारण व सोयाबीन के भाव आसमान पर होने के कारण किसानों का रुझान सोयाबीन की बुवाई की तरफ है। इस वर्ष हल्दी 15000 तथा 2022 में में हल्दी 20000 क्रॉस कर जाए तो बिल्कुल आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
वहीं चना व सरसों भी इस वर्ष ब्लॉक ब्लस्टर साबित होंगे। क्योंकि इस वर्ष सरसों की फ़सल का आंकलन मोपा द्वारा गलत कर व्यापारियों को भ्रमित किया क्योंकि माेपा पर मिलर लॉबी हावी है। मेरा मानना है की सरसों में जुलाई से अफरा-तफरी चालू होगी। पिछले वर्ष तो नेफेड ने पूर्ति कर दी थी। इस वर्ष नेफेड भी खाली है। सरसों का विकल्प भी सीमित है।
ऐसे हालात में सरसों इस वर्ष ऑल टाइम हाई साबित होगी। वहीं चना का उत्पादन भी कम है तथा खपत भी बढ़ रही है। अतः मानसून के साथ व लॉकडाउन खुलने के बाद चने की डिमांड आएगी, जिसे पूरा करना मुुश्किल होगा। मित्रों लॉकडाउन खुलने के बाद जुलाई से जो डिमांड आएगी।
उसके बाद लगभग सभी खाद्य पदार्थों के बाज़ार में तेज़ी या sithuretion दिखेगा। वहीं 2021 ही नहीं 2022 में भी कमोबेस यही स्थिति रहेगी। इसलिए नोटबंदी व कोरोना के बाद की स्थिति को देखते हुए तथा पूर्व की परिस्थितियों से निजात पाकर नए सिरे से मन बनाकर व्यापार करने हेतु तैयार रहना चाहिए।