राजस्थान बनेगा मेडिकल हब, अस्पताल या इससे जुड़ी यूनिट्स लगाने पर रियायत

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जयपुर। कोरोना महामारी में बने विकट हालातों को देखते हुए राज्य सरकार ने अब प्रदेश को बड़ा मेडिकल हब बनाने की तैयारी की है। निजी सेक्टर के बड़े हॉस्पिटल ग्रुप राज्य में आएं और नए अस्पताल, मेडिकल कॉलेज या मेडिकल से संबंधित अन्य गतिविधियां शुरू करें, इसके लिए नियमों में कई तरह की रियायत देने का निर्णय लिया गया है। इसमें भू-उपयोग परिवर्तन (लैंड यूज चेंज), बिल्डिंग प्लान फीस सहित अन्य शुल्क 100 फीसदी माफ किया जाएगा।

शत-प्रतिशत माफ होगी फीस
नगरीय विकास विभाग से जारी आदेशों के मुताबिक, अब कोई भी व्यक्ति या संस्था चाहे तो राज्य में किसी भी जगह कृषि भूमि, आवासीय उपयोग की भूमि (इकोलोजिकल, पार्क, खुले स्थान के अलावा) पर अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग होम या मेडिकल सेक्टर के अंतर्गत से संबंधित गतिविधियां शुरू कर सकता है। इसके लिए सरकार जमीन का लैंड यूज चेंज और बिल्डिंग प्लान भी मंजूर करके देगी, जिस पर लगने वाली फीस भी सरकार शत-प्रतिशत माफ करेगी। अभी तक ऐसी गतिविधियां शुरू करने के लिए कॉमर्शियल, इंस्टीट्यूशनल उपयोग की जमीन होना जरूरी होता है।

इसके अलावा सरकार की ओर से लीज राशि और 90ए पर लगने वाले प्रीमियम शुल्क पर भी छूट दे सकती है। इसके लिए सरकार अलग से छूट के आदेश जारी करेगी। इसके अलावा अन्य किसी भी तरह की छूट की जरूरत होगी तो उसे राज्य सरकार के स्तर पर प्रस्ताव तैयार कर भिजवाया जाएगा और सरकार स्तर पर ही उसका निर्णय होगा।

पहले से बस चुकी कॉलोनी में भी सुविधा
राज्य में किसी स्थान पर यूआईटी, विकास प्राधिकरण या अन्य निकाय की ओर से कॉलोनी बसा दी है और वहां कोई व्यक्ति या संस्था मेडिकल सेक्टर से जुड़ी गतिविधियां शुरू करना चाहता है तो उसके लिए कॉमर्शियल के अलावा मिक्स लैंडयूज और इंस्टीट्यूट उपयोग की लीज डीड जरूरी होगा। ऐसे मामले में भी सरकार बिल्डिंग प्लान पर लगने वाले शुल्क में छूट देगी।

सरकार की 4 शर्तें

  1. अस्पताल, मेडिकल कॉलेज या अन्य चिकित्सा सुविधा शुरू करने के लिए व्यक्ति को 31 मार्च 2022 तक संबंधित क्षेत्र की स्थानीय निकाय में प्रस्ताव देना होगा।
  2. व्यक्ति या संस्थान को अप्रूवल मिलने के बाद प्रोजेक्ट का काम दिसम्बर 2025 तक पूरा करना होगा। ऐसा नहीं करने पर सभी छूट वापस ले ली जाएगी और शुल्क ब्याज सहित जमा कराना होगा।
  3. संस्थान या निवेशक को मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना की सुविधा अनिवार्य रूप से हर पंजीकृत मरीज को देनी होगी।
  4. यदि संस्था या निवेशक अपने नए प्रोजेक्ट और मौजूदा संस्थानों के विस्तार के प्रोजेक्ट में पहले किसी भी मद में राशि जमा करा चुकी है तो वह राशि वापस नहीं लौटाई जाएगी।