कोटा। कोरोना महामारी के कारण शोक संतप्त परिवारों को आर्थिक सम्बल देने के लिए भारतीय किसान संघ आगे आया है। भारतीय किसान संघ की ओर से भामाशाहों को साथ लेकर स्थायी आर्थिक प्रबंधन और राशन, भोजन की तात्कालिक व्यवस्था की जाएगी। भारतीय किसान संघ के प्रवक्ता आशीष मेहता ने बताया कि जिन परिवारों में कोरोना के कारण से मानवीय क्षति हुई है और अब घर में कोई व्यक्ति कमाने वाला नहीं बचा है। ऐसे परिवारों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सुदृढ करने के लिए भारतीय किसान संघ के द्वारा सघन अभियान चलाया जाएगा।
अभियान को लेकर शुक्रवार को प्रान्त की वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। जिसमें प्रत्येक गांव में ऐसे किसान परिवारों की सूची बनाने के लिए टोलियां गठित की गईं। बैठक में अखिल भारतीय बीज प्रमुख कृष्णमुरारी, प्रदेश संगठन मंत्री राजबीर सिंह, प्रदेश महामंत्री कैलाश गैंदोलिया, प्रान्त अध्यक्ष प्रवीण सिंह, संगठन मंत्री परमानन्द, महामंत्री जगदीश कलमंडा ने संबोधित किया।
अखिल भारतीय बीज प्रमुख कृष्णमुरारी ने कहा कि आरएसएस के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने सभी से सेवाकार्याें से जुड़ने का आव्हान किया है। ऐसे में भारतीय किसान संघ भी लगातार सेवा के कार्यक्रम हाथ में ले रहा है। भारतीय किसान संघ की हर गांव में समिति बनी हुई है, जिसे कोरोना काल में कोरोना सुरक्षा समिति और कोरोना सेवा समिति के रूप में बदला गया है।
कोरोना से आर्थिक रूप से टूटे परिवारों को सहयोग के लिए विस्तार से रूपरेखा तैयार की गई है। जिसमें परिवार के सदस्यों का बीमा, भोजन, राशन के साथ ही कमाई का स्थायी साधन तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा गांवों में आयुष मंत्रालय की ओर से जारी की गई आयुष-64 दवा के वितरण में सेवा भारती का सहयोग किया जा रहा है।
वहीं, प्रत्येक गांव में काढा वितरण और घर घर में काढा निर्माण का लेकर भी ग्राम समितियां काम कर रही हैं। भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ता गांवों में स्थानीय अस्पतालों को भी भामाशाहों के माध्यम से सामान्य संसाधन उपलब्ध कराकर सम्बल देने का कार्य अपने हाथ में ले चुके हैं।
डीएपी पर सब्सिडी बढाने का स्वागत
प्रवक्ता आशीष मेहता ने बताया कि डीएपी के महंगे होने के कारण किसानों पर होने वाले प्रभाव को लेकर भारतीय किसान संघ लगातार केन्द्र सरकार से सब्सिडी बढाने की मांग कर रहा था। ऐसे में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा सब्सिडी 140 प्रतिशत तक बढाने और पूर्ववत 1200 रुप्ए में उपलब्ध कराने के निर्णय का भारतीय किसान संघ स्वागत करता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि कोरोना के कारण से केसीसी जमा कराने में हो रही देरी को देखते हुए समय सीमा में वृद्धि होनी चाहिए। जिन परिवारों में कोरोना के कारण परिजन की मृत्यु हुई है। ऐसे परिवारों की केसीसी और सहकारी ऋण माफ किया जाना चाहिए।