कोरोना काल में निर्धनों को भोजन एवं मरीजों को राहत की सांसें दे रहे व्यापारी

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कोटा। इस समय शहर में कोरोना महामारी के कारण अफ़रा-तफ़री मची हुई है। हर तबके के लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में शहर के कई भामाशाहों ने अपने स्तर पर कोरोना काल में पीड़ित लोगों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का बीड़ा भी उठाया है।

इसी श्रृंखला में कोटा की प्रमुख व्यापारिक संस्था श्री सर्राफा बोर्ड के माध्यम से शहर के भामाशाह सर्राफा, स्वर्णकार व्यापारियों ने भी दस लाख रुपए एकत्र करके सेवा कार्य करने का संकल्प लिया है।

सर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल विचित्र ने जानकारी देते हुए बताया कि संस्था द्वारा अपने सदस्यों के सहयोग से दो सेवा प्रकल्प संचालित किए जा रहे हैं। इसके लिए 11 लाख रुपए का अनुदान एकत्र किया गया था। इस राशि से संस्था द्वारा 9 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें खरीदी गई और इंदिरा रसोई योजना में नगर निगम को भोजन की थालियों का भुगतान किया जाता है।

लाभार्थियों की थाली का भुगतान सर्राफा बोर्ड द्वारा
श्री सर्राफा बोर्ड के सचिव विवेक कुमार जैन ने बताया कि राज्य सरकार के आह्वान पर नगर निगम द्वारा संचालित इंदिरा रसोई योजना में लाभार्थियों की भोजन थाली का भुगतान संस्था द्वारा किया जा रहा है। शहर के उत्तर और दक्षिण क्षेत्र में 16 स्थानों पर इंदिरा रसोई योजना चल रही है। जिसमें रोजाना लगभग पांच हजार निर्धन लोग भोजन कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा भामाशाहों के लिए निर्धारित दर 8 रुपए प्रति थाली के हिसाब से अभी तक दोनों नगर निगमों को कुल 40 हजार थालियों का अग्रिम भुगतान कर दिया है। हमारा संकल्प 70 हजार लोगों को भोजन कराने का है।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनों से राहत की सांसें
सर्राफा बोर्ड के सेवा प्रकल्प के संयोजक आनंद राठी ने बताया कि पिछले बीस दिनों से संस्था द्वारा 9 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें कोरोना मरीजों को उपलब्ध कराकर राहत की सांसें प्रदान की जा रही है।उन्होंने बताया कि पांच लाख रुपए की लागत वाली यह मशीनें संस्था सदस्यों के सहयोग से ली गई है। अब तक पचास से अधिक रोगियों ने इसका निशुल्क उपयोग किया है।