संक्रमण बना रहेगा तब तक चुनौती भी कायम रहेगी: पीएम मोदी

0
274

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को और तेज करते हुए अब प्रधानमंत्री जिला लेवल पर अपनी नजरें बनाए हुए हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस राज्यों के डीएम और अन्य अधिकारियों के साथ कोरोना के हालात पर चर्चा करने और स्थिति का जायजा लेने लिए एक बैठक की।

जिलाधिकारियों के साथ इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगाह किया कि भले ही कोरोना वायरस के मामले कम हो रहे हैं लेकिन जब तक छोटे से छोटे स्तर पर भी संक्रमण बना रहेगा तब तक चुनौती भी कायम रहेगी। दस राज्यों के करीब 54 जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सौ वर्ष में सबसे बड़ी आपदा (कोविड) से लड़ाई में आपने उपलब्ध संसाधनों का बेहतरीन उपयोग किया।

जिला अधिकारियों संग बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस धूर्त और बहुरूपिया है। ये वायरस म्यूटेशन में अपना रूप बदलने में माहिर है, इसलिए हमारे तौर-तरीके और रणनीति भी डायनेमिक होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आपके फील्डवर्क, आपके अनुभवों और फीडबैक से हमें प्रभावी नीतियां बनाने में मदद मिलती है। यहां तक कि टीकाकरण अभियान की रणनीति बनाने के लिए भी हम राज्यों और अन्य स्टेकहोल्डर्स द्वारा दिए गए सुझावों के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

10 राज्यों के जिलाधिकारियों से उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस ने आपके काम को और अधिक डिमांडिंग और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। नई चुनौतियों के बीच हमें नई रणनीतियों और समाधानों की जरूरत है। स्थानीय अनुभवों का उपयोग करना महत्वपूर्ण हो जाता है और हमें एक देश के रूप में मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

जानें पीएम मोदी की मुख्य बातें

  • पिछली महामारियां हों या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है। महामारी से निबटने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर नवाचार बहुत ज़रूरी है। ये वायरस स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और रणनीति भी बदलती रहनी चाहिए।
  • दूसरी लहर के बीच वायरस के स्वरूप बदलने की वजह से अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है। हमें आगे के लिए और ज्यादा तैयार रहना ही होगा।
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिलाधिकारियों से उनके जिलों में युवाओं, बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण और इसकी गंभीरता से संबंधित आंकड़े एकत्रित करने को कहा।
  • प्रधानमंत्री ने टीके बेकार होने को लेकर भी आगाह किया, उन्होंने कहा कि एक भी टीके के बेकार होने का मतलब है कि किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना।