मुंबई। शेयर बाजार में इस हफ्ते तिमाही नतीजे और कोरोना के मामले बाजार की चाल तय करेगी। हालांकि, लॉन्ग टर्म के लिए वैक्सीनेशन का प्रोसेस अहम होगा। वहीं, ग्लोबल शेयर मार्केट का मूवमेंट भी घरेलू बाजार में शॉर्ट अवधि के लिए भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। ऐसे में निवेशकों को निवेश करते समय सावधानी बरतनी की सलाह है।
इस हफ्ते 5 प्रमुख इवेंट पर फोकस रहेगा…
तिमाही नतीजे: इस हफ्ते करीब 170 कंपनियां चौथी तिमाही के नतीजे जारी करेंगी। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, हिंडाल्को, टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल, श्री सीमेंट, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, कोलगेट पामोलिव सहित हैवेल्स इंडिया जैसी कंपनियां शामिल हैं।
कोरोना वायरस: देश में कोरोना के मामले कुछ दिनों से 4 लाख से घटकर 3.26 लाख के करीब आ गया है। इससे बाजार को हल्का सपोर्ट मिल सकता है। रविवार को रिकवरी रेट सुधरकर 83.83% पर पहुंच गई, जो शुक्रवार को 81.90% रही थी।
कमोडिटिज में महंगाई से दबाव: महामारी के चलते दुनियाभर की इकोनॉमी अभी रिकवर कर रही है। इस दौरान पिछले कुछ दिनों से कमोडि़टिज खासकर मेटल के प्राइसेस लगातार बढ़ रहे हैं। एक्सचेंज डेटा के मुताबिक निफ्टी मेटल इंडेक्स मार्च 2020 से अब तक करीब 250% चढ़ा है। यह अन्य किसी सेक्टर से कहीं ज्यादा है। हालांकि, दुनियाभर में कोरोना के मामले घटने और चीन द्वारा प्रोडक्शन में कटौती से मेटल प्राइसेस कम होने की संभावना है।
विदेशी निवेशकों का निवेश: देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के डर से विदेशी निवेशक भी घबराए हुए हैं। मई में बाजार से निवेशकों ने करीब 8,700 करोड़ रुपए निकाले हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर देश में संक्रमण के मामले लगातार घटते हैं तो निवेश घटने के बजाय बढ़ सकता है। अप्रैल में FII ने करीब 12 हजार करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। अब घरेलू निवेशकों क बात करें तो इन्होंने मई में अब तक 891 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जो पिछले महीने 11,360 करोड़ के शेयर खरीदे थे।
घरेलू आर्थिक आंकड़े: अप्रैल के थोक महंगाई के आंकड़े सोमवार को जारी किए जाएंगे। डिपॉजिट और बैंक लोन ग्रोथ और फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व को आंकड़े भी इसी हफ्ते जारी किए जाएंगे।