कोटा। देशभर में कोरोना वायरस की दूसरी वेव के कारण संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में जल नेति कोविड 19 वायरस लोड को नाक एवं गले में कम करने में सहायक होगा। इसको करने का बहुत सरल तरीका है। नेजो फ्रेरिन्जियल वाॅश, स्ट्रीम इन्हेलेशन एवं थ्रोट गरारे की प्रक्रिया को नियमित रूप से अपनाने के लिए कोरोना वायरस के सुपर स्प्रेडर कम हो सकेंगे एवं 60 वर्षों से अधिक आयु वाले डायबिटिज हाइपरटेंशन आदि से पीड़ित व्यक्तियों के लिए कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम हो सकता है।
दीनानाथ मंगेशकर हाॅस्पिटल, पुणे के 600 चिकित्सक कोविड के मरीजों की देखरेख में लगे हुए थे, जो प्रतिदिन जलनेति कर रहे थे, वे कोविड 19 के संक्रमण से प्रभावित नहीं हुए। वही दूसरी ओर 18 चिकित्सक जो जल नेति नहीं कर रहे थे, वो कोविड 19 से संक्रमित हो चुके है।
चिकित्साकर्मी, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ पीपीई किट एवं अन्य सावधानियाँ रखने के बाद भी कोरोना वायरस से सक्रमित हो सकते है। नेजो फेरिन्जियल वाॅश, स्ट्रीम इन्हेलेशन एवं थ्रोट गरारे की प्रक्रिया को नियमित रूप से अपनाने के लिए कोरोना वायरस के सुपर स्प्रेडर कम हो सकेंगे एवं 60 वर्षो से अधिक आयु वाले डायबिटिज हाइपरटेंशन आदि से पीड़ित व्यक्तियों के लिए कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम हो सकता है।
कैसे करें जलनेति (देखिये वीडियो)
जल नेति अथवा नेजो फ्रेरिन्जियल वाॅश, कोरोना वायरस के असर कम करने के लिए असरदार तरीका है। जल नेति नामक विधि में गुनगुने पानी में नमक डालकर नेति पात्र नामक विशेष प्रकार के बर्तन का उपयोग किया जाता है। नेति पात्र से नमक मिला गुनगुना पानी (हाइपरटोनिक सलाइन) एक नाक में छोड़ा जाता है और दूसरी नाक से बाहर निकाला जाता है। जल नेति के दौरान मुँह से साँस लेना होता है।
सुवि नेत्र चिकित्सालय एवं लेसिक लेजर सेन्टर कोटा के नेत्र सर्जन डाॅ. सुरेश पाण्डेय ने बताया कि मई 2020 के लंग इण्डिया नामक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार जल नेति कोविड 19 वायरस लोड को नाक एवं गले में कम करने के लिए बहुत सरल तरीका है।
जल नेति का नियमित प्रयोग जरूरी
डाॅ. पाण्डेय के अनुसार वे स्वयं एवं उनके स्टाफगण पिछले 12 माह से जल नेति एवं स्ट्रीम इन्हेलेशन का नियमित प्रयोग कर रहे है एवं उन्होंने जल नेति का वीडियो भी यूट्यूब के माध्यम से आमजनता के लिए शेयर किया है। जल नेति के तहत नेजल पेशेज की सफाई के लिए नाक के छेद से हल्के नमक वाला कसूना पानी नासिका के एक छिद्र से प्रवेश कराया जाता है ओर नासिका के दूसरे छिद्र से बाहर निकाला जाता है। इस बात का खास ध्यान रखें कि जल नेति के लिए उपयोग में लिया गया पानी फिल्टर्ड (साफ) हो। जल नेति के पात्र को दूसरों से शेयर न करें एवं इस पात्र को भी समय-समय पर साफ करना अति आवश्यक है।
जल नेती वायरल लोड को कम करने में सहायक
नेत्र सर्जन डाॅ. विदुषी पाण्डेय ने बताया कि लंग इण्डिया के मई 2020 अंक में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार गुनगुने नमकीन पानी से जल नीति नियमित रूप से नाक व गले में वायरस का लोड कम होता है। नाक की श्लेष्मा झिल्ली हाइपर टोनिक स्लाइन की क्लोराइट आयन को हाइपोक्लोरस एसिड में कनवर्ट करती है, जो एन्टीवायरल एजेन्ट के रूप में कार्य करता है।
हाइपोक्लोरस एसिड ब्लीचिंग पाउडर का एक कम्पोनेन्ट है जो कि हाथ साफ करने के काम आता है। नियमित रूप से जल नेति, गरारे करने एवं स्ट्रीम भाप लेने से नाक व गले में कोरोना वायरस का लोड कम होता है। थ्रोट हाइजिन की पद्धति वायरस जनित रोगों को रोकने के लिए जापान के नेशनल गाइड लाइन्स में सम्मिलित की गयी है।