नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस और टीकाकरण की स्थिति को लेकर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पॉल ने कहा कि भारत में कोविड वैक्सीन की लगभग 18 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं। अमेरिका में यह संख्या लगभग 26 करोड़ है। इस तरह भारत इसमें तीसरे स्थान पर है। इसके बाद आपूर्ति भी आगे बढ़ेगी। इसका उत्पादन जुलाई में शुरू होगा और अनुमान है कि उस अवधि में 15.6 करोड़ खुराक का निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत में स्पुतनिक v (Sputnik V) वैक्सीन आ गई है। अगले हफ्ते से स्पुतनिक वैक्सीन की बिक्री भारत में शुरू हो जाएगी। हमें उम्मीद है कि वहां (रूस) से सीमित आपूर्ति की बिक्री अगले सप्ताह शुरू हो जाएगी। 2 बिलियन डोज भारत में अगले पांच महीनों में उपलब्ध होगी। देसी और विदेशी वैक्सीन दोनों भारत में लगने लगेगी। स्पुतनिक अक्टूबर तक भारत में ही उत्पादित होकर मिलने लगेगी।
डॉ पॉल ने कहा कि एफडीए, डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित कोई भी टीका भारत आ सकता है। आयात लाइसेंस 1-2 दिनों के भीतर दिया जाएगा। कोई आयात लाइसेंस लंबित नहीं है। हम उन्हें अपनी कंपनियों के साथ यहां निर्माण के लिए आमंत्रित करते हैं।
जॉनसन एंड जॉनसन ने अच्छा काम किया। उन्होंने क्वाड के तहत इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी विभाग, संबंधित अन्य विभाग और विदेश मंत्रालय शुरुआत से फाइजर, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन के संपर्क में है। उनसे आधिकारिक तौर पर पूछा गया था कि क्या वे भारत में खुराक भेजना चाहते हैं या निर्माण करना चाहते हैं, हम भागीदार ढूंढेंगे और सहायता करेंगे।
उन्होंने कहा कि हर कंपनी के पास यह करने की क्षमता नहीं है। हम उन कंपनियों को खुला निमंत्रण देते हैं, जो ऐसा करना चाहती हैं। जो कंपनियां कोवैक्सिन का निर्माण करना चाहती हैं, उन्हें मिलकर करना चाहिए। सरकार सहायता करेगी ताकि क्षमता बढ़े।
डॉ पॉल ने कहा है कि लोगों का कहना है कि कोवैक्सिन का निर्माण को अन्य कंपनियों को दिया जाना चाहिए। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि जब हमने उनके साथ इस पर चर्चा की थी, कोवैक्सिन निर्माण कंपनी (भारत बायोटेक) ने इसका स्वागत किया है। इस टीके के तहत जीवित वायरस निष्क्रिय हो जाता है और यह केवल बीएसएल 3 प्रयोगशालाओं में किया जाता है।