कोटा। इमर्जिंग जर्नी एशिया की फाउंडर डॉ. संगीता कौर ने कहा कि दुनिया की सुंदरता कोविड के कठिन समय में भी देखी जा सकती है| वे रविवार को कोविड की चुनौतियों के दौरान मानसिक और भावनात्मक लचीलापन विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित कर रहीं थीं।
अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक डॉ. संगीता कौर ने इस विषय पर सभी प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया। उन्होंने कहा कि अवचेतन रूप से हमारा मन हमेशा कई विचारों को संसाधित करता है। ज्यादातर नकारात्मक विचारों को। डॉ. संगीता ने सत्र के दौरान दिखाया कि मानसिक और भावनात्मक चुनौतियों को कैसे पहचाना जाता है। (देखिये वीडियो)
डॉ. संगीता कौर ने कहा कि हमारे अंदर एक समर्थन प्रणाली होती है, जो हमें मुश्किल समय पर मदद करती है। खासकर जब हम अकेले होते हैं। वेबिनार में मलेशिया, सिंगापुर, दिल्ली, राजस्थान, भोपाल, गुरुग्राम, देहरादून, बैंगलोर एवं कोलकाता के प्रतिभागियों ने कई प्रश्न पूछे। जिनका मुख्य वक्ता डॉ. संगीता कौर द्वारा उत्तर दिया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की प्रारंभ में आईएसटीडी कोटा चैप्टर की वाईस चेयरपर्सन सुजाता ताथेड़ ने बताया कि कोटा चैप्टर द्वारा गत 6-7 वर्षों से निरन्तर अन्तर चैप्टर संबंधों को मजबूती प्रदान करने एवं कोटावासियों के ज्ञानसंवर्धन के लिए देश भर के वक्ताओं को आमंत्रित किया जाता रहा है।
कोरोना काल के चलते गत वर्ष से चैप्टर ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से प्रशिक्षण एवं विकास के कार्यक्रमों का निर्बाध आयोजन कर सामाजिक विकास के अपने उद्देश्यों को पूर्णता प्रदान कर रहा है।
आईएसटीडी डेल्ही चैप्टर के चेयरमैन मुकेश जैन ने कोटा चैप्टर के सभी अध्यायों को एक मंच पर लाने के प्रयासों की सराहना की। रीजनल वाइस प्रेसिडेंट प्रोफेसर पवन कुमार शर्मा ने चुनौतियों के दौरान मानसिक और भावनात्मक लचीलापन बनाए रखने के लिए भारतीय धर्मग्रंथों से उदाहरण दिए|
ISTD दिल्ली चैप्टर के वाइस चेयरमैन डी वी शास्त्री ने सभी डेलिगेट्स और प्रमुख वक्ता डॉ. संगीता कौर को धन्यवाद दिया। आईएसटीडी कोटा चैप्टर की वाईस चेयरपर्सन सुजाता ताथेड़ ने कुशलतापूर्वक इस कार्यक्रम का संचालन किया।