नई दिल्ली। देशभर में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। इस बीच अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों की बड़ी संख्या को देखते हुए हॉस्पिटल (Hospital) मनमानी करने में जुटे हैं। इसके बाद इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) कई अस्पतालों पर नजर रख रहा है। इन अस्पतालों पर आरोप है कि कोरोनावायरस को भर्ती कराने के नाम पर उन्होंने एडवांस कैश पेमेंट लेने की कोशिश की है।
कोरोना संकट के इस दौर में सरकार को कई ऐसी शिकायतें मिली थी कि बहुत से अस्पताल डिजिटल पेमेंट या चेक (Cheque) से पेमेंट लेने से मना कर रहे हैं।कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में अस्पतालों ने सिर्फ कैश लेने की बात की थी। इसके साथ ही कुछ हॉस्पिटल (Hospital) पर आरोप है कि वह मरीजों से पहले कैश पेमेंट जमा कराने की बात कर रहे हैं, भले ही उनके पास हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हो।
इनकम टैक्स विभाग के एक अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, “देश के कई बड़े शहरों से इस तरह की शिकायत आने के बाद जांच की गई है। यह वास्तव में इस दिशा में जांच का पहला कदम है और अभी तक इस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.” टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि मरीजों से नगदी लेने के नाम पर हॉस्पिटल वास्तव में इनकम टैक्स (Income Tax) बचाने के साथ ही गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) जैसे मसले पर भी सरकार के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं।
लॉ फर्म खेतान एंड कंपनी के पार्टनर अभिषेक रस्तोगी ने कहा, “अस्पतालों द्वारा मरीज से एक सीमा से अधिक कैश स्वीकार करना या माँगना मौजूदा नियमों का उल्लंघन है। इसके लिए उन पर कार्रवाई की जा सकती है। कुछ मेडिकल सेवाओं पर जीएसटी भी लगाया जाता है और अगर उसके लिए कैश पेमेंट किया जाए तो इनडायरेक्ट टैक्स पेमेंट की चोरी का आरोप भी बनता है।”
CBDT ने बदले नियम
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने हालांकि अस्पतालों के लिए मरीज व उनके परिजनों से ₹2,00,000 से अधिक कैश पेमेंट लेने की इजाजत दे दी है। 31 मई तक अब मरीज व उनके परिजन अस्पतालों को ₹2,00,000 से अधिक की रकम कैश पेमेंट के रूप में दे सकेंगे। इसके लिए जरूरी है कि मरीज और पैसे देने वाले व्यक्ति का पैन या आधार नंबर लिया जाय। इसके साथ ही दोनों के बीच के संबंध के बारे में जानकारी ली जाए।
पैन-आधार लेना जरूरी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक बयान में कहा, “केंद्र सरकार ने अस्पताल, डिस्पेंसरी, नर्सिंग होम, कोविड-19 केयर सेंटर या इस तरह की मेडिकल फैसिलिटी में 1 अप्रैल से 31 मई तक मरीज और पेमेंट करने वाले व्यक्ति के पैन या आधार नंबर के साथ कैश पेमेंट लेने की सीमा बढ़ा दी है। इनकम टैक्स कानून 1961 के सेक्शन 269st के तहत यह सुविधा दी गई है। इसके लिए हालांकि जरूरी है कि मरीज और उनके लिए पेमेंट करने वाले व्यक्ति के बीच का संबंध और उन दोनों के पैन या आधार की जानकारी होनी चाहिए।”