कोटा में कोरोना मरीजों की सांसों पर भी सियासत

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कोटा। शहर में कोरोना मरीजों की सांसों पर भी सियासत हो रही है। भाजपा और कांग्रेस की आपसे खींचतान में कोटा को मिलने वाली ऑक्सीजन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर मंगा ली। यहां ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों की सांसे उखड़ रही हैं। अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे हैं।

पिछले 10 दिन से ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पतालों में इक्का-दुक्का मरीज ही भर्ती किए जा रहे हैं। हालत ये हो चुकी है कि गंभीर मरीजों को भी अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा है। शुक्रवार को जामनगर से 39 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लेकर ट्रेन कोटा पहुंची। इसमें से 27 टन ऑक्सीजन कोटा को मिलनी थी। लेकिन राज्य सरकार ने 12 टन का टैंकर जयपुर रवाना कर दिया। इतनी सप्लाई एक दिन के लिए पर्याप्त थी।

कोटा को दो दिन के अंदर 67 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई मिल चुकी है। इसमें से कोटा को 55 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलनी थी, शेष 12 टन झालावाड़ के लिए थी। गुरुवार काे 28 मीट्रिक टन का एक टैंकर काेटा आया था। शुक्रवार काे 39 टन की सप्लाई मिली। एक टैंकर जयपुर भेजे जाने के बाद कोटा के हिस्से 43 टन लिक्विड ऑक्सीजन ही बची। वहीं ऑक्सीजन के दोनों सप्लायरों के तीन प्लांट्स भी खराब हो गए। इससे सिलेंडर की रीफिलिंग भी रुक गई।

वहीं जाम नगर से आई लिक्विड ऑक्सीजन की प्रोसेसिंग भी बाधित हो गई। राज्य सरकार ने भिवाड़ी से मिलने वाली ऑक्सीजन सप्लाई भी कुछ दिन के लिए रोक दी है। ये स्थिति दूर नहीं हुई तो कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट हो सकता है।

जामनगर से कोटा की 920 किलोमीटर की दूरी 19 घंटे में पूरी कर शुक्रवार सुबह 7:15 बजे आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन कोटा पहुंची। रेल प्रशासन ने तीनों टैंकरों को माल गोदाम पर उतरवाकर संबंधित अधिकारियों को हैंडओवर कर दिया। सीनियर डीसीएम अजय कुमार पाल ने बताया कि आक्सीजन एक्सप्रेस को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लाया गया।

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि केंद्र सरकार ने राजस्थान के 55 टन के कोटे में से 39 टन ऑक्सीजन भेजी है। काेटा में जिनती स्टाेरेज की क्षमता थी, उतना रख लिया। शनिवार से वापस भिवाड़ी से प्रतिदिन एक टैंकर शुरू हाे जाएगा। ट्रेन भेजने में लाेकसभा अध्यक्ष का काेई याेगदान नहीं है।

वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि जामनगर से कोटा आई 28 टन लिक्विड ऑक्सीजन स्टेट कोटे के अतिरिक्त थी, यह मैंने प्रयास करके इसलिए भेजी थी, ताकि कोटा-बूंदी के हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन का पर्याप्त बैकअप रहे और वे निश्चिंत होकर नए मरीजों को भर्ती कर सकें।

ऑक्सीजन मिलने के बाद भी ऑक्सीजन बेड्स नहीं बढ़ाए
मेडिकल काॅलेज के काेविड हाॅस्पिटलाें में पर्याप्त ऑक्सीजन हाेने के बावजूद शुक्रवार काे ऑक्सीजन बेड्स नहीं बढ़ाए गए। इसकी वजह यह बताई गई कि अगले एक-दाे दिन में फिर से ऑक्सीजन का संकट पैदा हाे सकता है। सुबह करीब 40 पेशेंट एडमिट किए, लेकिन दाेपहर बाद से फिर भर्ती करना बंद कर दिया। सिर्फ उन्हीं मरीजाें काे लिया गया, जाे बेहद क्रिटिकल थे। एक दिन पहले 28 टन लिक्विड ऑक्सीजन मिलने के बाद मेडिकल काॅलेज प्रबंधन ने तय किया था कि 50 नए ऑक्सीजन बेड्स क्रिएट किए जाएंगे।