ऑक्सीजन के आंकड़े झुठला रही गहलोत सरकार: अर्जुन मेघवाल

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जयपुर। केंद्र सरकार पर ऑक्सीजन और रेमडेसिविर आवंटन करने में राजस्थान के साथ भेदभाव के आरोपों के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने सफाई देने के साथ पलटवार किया है। मेघवाल ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री से लेकर हर मंत्री तक केंद्र सरकार पर कम ऑक्सीजन, रेमडेसिविर देने और भेदभाव के गलत आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार को कुल 265 टन ऑक्सीजन दी है, लेकिन राज्य सरकार कह रही है कि उसे केवल 80 टन ही ऑक्सीजन मिली है।

राजस्थान का ऑक्सीजन का कोटा 15 अप्रैल के बाद लगातार बढ़ाया गया है। राजस्थान का 265 टन ऑक्सीजन का कोटा है, राज्य सरकार सही आंकड़े नहीं बता रही है। राज्यों को ऑक्सीजन देने के एंपावर्ड कमेटी ने मापदंड तय किए हैं। इसमें केंद्र की ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता, राज्यों की मांग, पाइपलाइन से ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा वाले अस्पतालों की संख्या के पैरामीटर के आधार पर राज्यों को ऑक्सीजन आंवटित करने का फार्मूला बनाया है।

मेघवाल ने कहा कि गुजरात को ज्यादा ऑक्सीजन देने की बात कह रहे हैं। ऑक्सीजन आवंटन करने में राज्यों की आवश्यकता ही एकमात्र पैरामीटर नहीं है। कितने अस्पताल ऑक्सीजन की पाइपाइन से इक्विप्ड हैं, यह भी एक पैरामीटर है। राजस्थान ने अस्पतालों को ऑक्सीजन पाइपलाइन से इक्विप्ड नहीं किया, गुजरात ने कर दिया। राजस्थान सरकार ने प्रबंधन ही नहीं किया, गुजरात में ऐसे अस्पताल ज्यादा हैं, इसलिए गुजरात को ज्यादा ऑक्सीजन मिली है। राजस्थान सरकार एयर सेपरेशन यूनिट के कोटे का जिक्र नहीं कर रही है।

मेघवाल ने कहा कि रिलायंस के जामनगर प्लांट से राजस्थान को 40 टन ऑक्सीजन आवंटित है। भिवाड़ी के आईएनओएक्स से राजस्थान का कोटा 100 टन कर दिया है। एयर सेपरेशन यूनिट यानी एएसयू से 125 टन राजस्थान को दिया जा रहा है। इस तरह कुल 265 टन ऑक्सीजन दिया जा रहा है। राज्य सरकार कह रही है कि 80 टन मिल रही है। बहुत फर्क है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार 125 टन एएसयू के कोटे के बारे में तो बता ही नहीं रही है। रेमडेसिविर का कोटा भी 26,500 से बढ़ाकर 67 हजार कर दिया है। इसकी भी कमी नहीं होने देंगे। हमने एयरलिफ्ट करके टैंकर भेजने की सुविधा दी है तो राजस्थान सरकार के पास क्रायोजैनिक टैंकर ही नहीं है। केंद्र को घेरने का यह प्रयास ठीक नहीं है।

मेघवाल ने कहा- हम बोकारो स्टील प्लांट से राजस्थान को ऑक्सीजन दे सकते हैं। राजस्थान सरकार पहले केंद्र सरकार से डिमांड तो करें। राजस्थान सरकार से मांग आएगी तो हम बोकारो स्टील प्लांट से ऑक्सीजन दे देंगे। इसमें किसी तरह की राजनीति नहीं हैं।

प्रधानमंत्री के साफ निर्देश हैं कि सबकी सेवा करनी है। इसमें किसी तरह की राजनीति नहीं करनी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री से लेकर चिकित्सा मंत्री और हर मंत्री केंद्र सरकार की बुराई करने में लगे हैं। प्रधानमंत्री के सेवा करने के निर्देश हैं। राजस्थान के साथ अन्याय कैसे कर सकते हैं।

वैक्सीनेशन राज्य का सब्जेक्ट
केंद्रीय बजट में 36 हजार करोड़ वैक्सीनेशन में रखने के बावजूद 18 से ज्यादा उम्र वालों पर वैक्सीनेशन का खर्च डालने और वैक्सीन की अलग-अलग कीमतों के सवाल पर मेघवाल ने कहा कि यह विषय तकनीकी है, वैक्सीनेशन का बजट रखा तभी तो विकसित देशों से पहले हम वैक्सीन ले आए। रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर भी खर्च होता है। वैक्सीनेशन को लेकर राज्य सरकारों की भी जिम्मेदारी बनती है, केंद्र फिर भी मदद करेगा। वैक्सीन इंस्टीट्यूट अलग से काम कर रहे हैं। फिर भी विषय हमारे ध्यान में आया है। राहत देने का प्रयास करेंगे।

वैक्सीन राज्य का सब्जेक्ट है। जब सीएम ने 18 साल से ज्यादा वालों के फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा की तब हमारे नेता प्रतिपक्ष ने सीएम की तारीफ की। केंद्र ने इतना सब किया इसके बावजूद राजस्थान के सीएम और मंत्रियों के मुंह से एक शब्द तारीफ का नहीं निकला। केंद्र जो कर रहा है वह नजरअंदाज करना और खुद जो कर रहे हैं उसे बढ़ाचढ़ाकर बताना गलत है।

केंद्र ने सालभर पहले पैसा दिया था
मेघवाल ने कहा- साल भर पहले केंद्र ने राजस्थान के चार अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट के लिए फंड मंजूर किया था। राजस्थान सरकार चारों अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगवा लेती तो रोज 1600 सिलेंडर उपलब्ध हो सकते थे। आरयूएचएस जयपुर में 2500 लीटर, बीकानेर एसएचएमजी में 600 लीटर, जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में 3200 लीटर और अलवर मेडिकल कॉलेज में 600 लीटर ​क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट लगाना था। केंद्र ने साल भर पहले पैसा दिया था। राजस्थान सरकार ने काम नहीं किया।