इस तिमाही में डेटा कार्ड बाजार में रिलायंस जियोफाई का हिस्सा सबसे अधिक 91 प्रतिशत रहा।
नई दिल्ली। इंटरनेट डेटा सस्ता होने और वाईफाई टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग के बीच देश के वाईफाई डेटा कार्ड बाजार में उछाल आया है। इस साल की दूसरी तिमाही में भारत में 40 लाख से अधिक वाईफाई डेटा कार्ड बिके और इसमें भी 97 फीसद कार्ड 4जी टेक्नॉलजी वाले रहे।
एक रिपोर्ट के अनुसार इस तिमाही में डेटा कार्ड बाजार में रिलायंस जियोफाई का हिस्सा सबसे अधिक 91 प्रतिशत रहा। इसमें कहा गया है कि वाईफाई डेटा कार्डों की बिक्री में यह तेजी कुछ हद तक ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या और राउटर जैसे उपकरणों की बिक्री को प्रभावित कर सकती है।
इसके साथ माईफाई (सिम से चलने वाले डेटा कार्ड) आने वाले समय में देश में डिजिटलीकरण में बड़ी भूमिका निभा सकता है। शोध संस्थान साइबर मीडिया रिसर्च सीएमआर इंडिया ने अपने अध्ययन में कहा है कि वित्त वर्ष 2017 की दूसरी तिमाही में भारतीय डेटा-कार्ड बाजार 16 प्रतिशत बढ़कर 40 लाख इकाई से अधिक हो गया। सालाना आधार पर इसमें 614 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी देखने को मिली।
सीएमआर ने डेटा-कार्ड बाजार के बारे में अपनी मासिक रिपोर्ट के अनुसार, 2017 की पहली तिमाही में यह संख्या लगभग 34 लाख रही थी। इसके अनुसार आलोच्य तिमाही में देश में बिके कुल डेटा कार्ड में 4जी एलटीई टेक्नोलॉजी वाले कार्ड का हिस्सा 97 प्रतिशत रहा और इसमें 17 प्रतिशत बढोतरी दर्ज की गई।
वहीं इस दौरान 3जी टेक्नॉलजी आधारित डेटा कार्ड की बिक्री में 61 प्रतिशत गिरावट आई। इस रिपोर्ट में इंटरनेट डेटा कार्ड में बदलाव का श्रेय नई दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो को दिया गया है।
इसके अनुसार आलोच्य तिमाही में डेटा कार्ड बाजार में रिलायंस जियोफाई की हिस्सेदारी 91 प्रतिशत रही। जबकि दूसरे पायदान पर हुआवेइ की बाजार भागीदारी 3 प्रतिशत रही।
इसके अनुसार रिलायंस जियो की मजबूत वृद्धि, शुरुआती दौर की निशुल्क सेवाओं और प्रतिस्पर्धी कीमत ने जियोफाई को बाजार में पैर जमाने में मदद की। इस अवधि में सबसे तेज बिकने वाले तीन माईफाई उपकरणों में क्रमश एम2एस, जेएमआर 1140 व जियोफाई रहे।
उल्लेखनीय है कि माईफाई के जरिए वाईफाई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए मोबाइल, टेबलेट व कंप्यूटर जैसे कई उपकरणों पर एक साथ इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि माईफाई का इस्तेमाल अब महानगरों के बाद दूरदराज के गांवों तक होने लगा है।
इसका असर राउटर बाजार पर भी पडा है। सीएमआर के विश्लेषक नरिंदर कुमार के अनुसार, ‘विशेषकर जियोफाई से घरेलू राउटर बाजार भी प्रभावित हुआ है। हमारे शुरुआती आकलन के अनुसार, प्रमुख शहरों में इसकी बिक्री 60-70 प्रतिशत घटी है।
यह असर आने वाली तिमाहियों में भी बने रहने का अनुमान है। ‘रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर स्पीड और क्वॉलिटी वाली इंटरनेट सर्विस के साथ माईफाई के बढ़ते इस्तेमाल से विशेषकर गैर महानगरीय शहरों में बीएसएनएल जैसी दूरसंचार कंपनियों के ब्रॉडबैंड ग्राहक आधार भी प्रभावित हो सकता है।