10 लाख से ज्यादा के लेनदेन की जानकारी 31 मई तक दें करदाता-आयकर विभाग

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नई दिल्ली। आयकर विभाग ने रिटर्न को आसान बनाने के लिए पिछले महीने प्री-फिल्ड आईटीआर फॉर्म जारी करने का एलान किया था। विभाग इसके लिए जरूरी जानकारियां जुटा रहा है, जो हर आंकलन वर्ष में 31 मई तक देना होगा। इनमें 10 लाख से ज्यादा लेनदेन सहित विशेष वित्तीय लेनदेन (एसएफटी) शामिल हैं।

विभाग ने 12 मार्च की अधिसूचना में कहा था कि वित्तीय संस्थानों और म्यूचुअल फंड हाउस को अपने ग्राहकों को पूंजीगत लाभ, लाभांश और ब्याज की जानकारी देनी होगी। इसके अलावा कई और एसएफटी हैं, जिनकी जानकारी देना होगा। इसमें 10 लाख से ज्यादा नकद जमा, एफडी, क्रेडिट कार्ड भुगतान, बॉन्ड डिंबेंचर, म्यूचुअल फंड या शेयरों की खरीद के अलावा 30 लाख से ज्यादा की अचल संपत्ति खरीदने बेचने की जानकारी देनी होगी। 2020-21 का आकलन वर्ष 2021-22 है, इसलिए संबंधित वित्तीय संस्थान या फंड हाउस को 31 मई 2021 तक जानकारियां विभाग तक पहुंचानी होंगी।

विभाग का मानना है कि बड़ी राशि के लेनदेन की जानकारी अगर वित्तीय संस्थानों और फंड हाउस के जरिए समय पर मिल जाती है तो संदिग्ध लेनदेन पर निगरानी आसान होगी। इसमें एनबीएफसी, क्रेडिट कार्ड कंपनियों, डाकघरों, बॉन्ड जारी करने वाली कंपनियों के साथ एक्सचेंज की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। आयकर की धारा 285बीए के तहत ऐसे लेनदेन की जानकारी अब जरूरी की गई है।

आईटीआर फॉर्म की समीक्षा करें करदाता: विभाग ने कहा कि वैसे तो प्री-फिल्ड आईटीआर फॉर्म सभी जानकारियां पर्याप्त निगरानी और पंजीकृत स्रोतों के आधार पर ही शामिल की जाएंगी। बावजूद इसके करदाता अपने फॉर्म को विभिन्न दस्तावेजों के जरिए एक बार क्रॉस चेक जरूर करें। इसके लिए बैंक स्टेटमेंट, फॉर्म 26एएस और ब्याज प्रमाण पत्रों की मदद ली जा सकती है। इससे रिटर्न दाखिल करते समय करदाता किसी भी तरह गलती से बच सकेंगे।