मुंबई। मशहूर ऐक्ट्रेस शशिकला का निधन हो गया है। उन्होंने 4 अप्रैल को मुंबई स्थित अपने आवास पर आखिरी सांस ली। शशिकला की उम्र 88 साल थी। शशिकला ने 100 से भी ज्यादा फिल्मों में सपॉर्टिंग ऐक्ट्रेस का रोल किया था। 60 और 70 के दशक में हिंदी सिनेमा में शशिकला ने अपनी यादगार भूमिकाओं से सबको हैरान कर दिया था।
शशिकला का जन्म महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था। उनका परिवार खूब अमीर था और पिता बड़े बिजनसमैन थे। लेकिन शशिकला को नाचने-गाने और ऐक्टिंग करने का शौक था। इसलिए सोलापुर जिले के कई शहरों में शशिकला ने कई स्टेज शोज किए थे। उस वक्त शशिकला की उम्र मात्र 5 साल की थी। लेकिन किस्मत में न जाने क्या लिखा था। एक वक्त ऐसा आया जब शशिकला के पिता कंगाल हो गए और गुजारा करना भी मुश्किल हो गया। तब शशिकला के पिता परिवार को मुंबई ले आए थे। बताया जाता है कि शशिकला के पिता को उनके भाइयों से भी धोखा मिला और इस कारण उनकी हालत और भी खराब हो गई थी।
मुश्किल में गुजरा वक्त
मुंबई में पूरा परिवार कुछ जान-पहचान के लोगों के यहां रहा और मुश्किल से दिन गुजारे। वहीं शशिकला काम की तलाश में इधर से उधर भटकती रहीं। शशिकला की जिंदगी में ट्विस्ट तब आया जब उनकी मुलाकात उस जमाने की टॉप ऐक्ट्रेस नूरजहां से हुई।
नूरजहां ने की मदद, मिला इस फिल्म में रोल
उस वक्त नूर जहां के पति शौकत हुसैन रिजवी ‘ज़ीनत’ के नाम से एक फिल्म बना रहे थे और नूरजहां के कहने पर उन्होंने शशिकला को कव्वाली के एक सीन में ले लिया। इसके बाद तो उनके करियर की दिशा ही बदल गई।
आरती’ के लिए मिला फिल्मफेयर अवॉर्ड
60 के दशक में शशिकला ने कई यादगार फिल्में कीं। उस दौर में जहां अन्य हिरोइनें पर्दे पर हीरो के साथ रोमांस कर रही थीं, वहीं शशिकला ने अपने लिए एक अलग रास्ता चुना और ऐसी अमिट पहचान बनाई जो लोगों के दिलों में हमेशा के लिए बस गई।
ताराचंद बड़जात्या की फिल्म ‘आरती’ में निभाए नेगेटिव रोल के लिए शशिकला को फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। इस फिल्म के बाद तो शशिकला सपॉर्टिंग ऐक्ट्रेस के तौर पर मशहूर हो गईं और उन्हें इसी तरह के रोल मिलने लगे। उन्होंने ‘अनुपमा’, ‘फूल और पत्थर’, ‘आई मिलन की बेला’, ‘गुमराह’, ‘वक्त’ और ‘खूबसूरत’ जैसी फिल्में कीं। फिल्म ‘बादशाह’ में शशिकला ने शाहरुख खान की मां का रोल किया था। वह ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘मुझसे शादी करोगी’ और ‘चोरी चोरी’ जैसी फिल्मों भी दिखीं।