कोटा। राजस्थान सूचना आयोग ने आरटीआई के तहत सूचना नहीं देने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। सूचना आयोग ने दो ग्राम विकास अधिकारियों पर 15-15 हजार, एक पर 10 हजार और स्वायत्त शासन के 3 अफसरों पर 5-5 हजार का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना उनके वेतन से वसूला जाएगा। बाड़मेर और पाली जिले के ग्राम विकास अधिकारियों ने पांच बार आयोग के नोटिस भेजने के बावजूद जवाब तक नहीं दिया। जुर्माना इनकी सैलरी से वसूला जाएगा।
राज्य सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने कोटा यूआईटी के सचिव पर सूचना अधिकार कानून की अनदेखी पर 5 हजार का जुर्माना लगाया है। आयोग में कोटा के कुलदीप कपूर ने यूआईटी के खिलाफ अपील दायर कर शिकायत की कि उन्हें सूचना मुहैया नहीं करवाई जा रही है। कपूर ने 25 जून 2019 को अर्जी दाखिल कर सूचना मांगी थी। इस मामले में आयोग ने यूआईटी से जवाब तलब किया, लेकिन तीन बार नोटिस के बावजूद उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
पालिका के ईओ पर 10 हजार का जुर्माना
आयुक्त बारेठ ने भीलवाड़ा में आसींद नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी ईओ पर दो अलग-अलग मामलो में 5-5 हजार का जुर्माना लगाया है। आयोग में आसींद के मोहम्मद सलीम ने शिकायत की थी कि दो साल बाद भी उनकी अर्जी पर पालिका ने सूचना मुहैया नहीं करवाई। आयोग ने ईओ से देरी का कारण पूछा लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। आयोग ने इस पर जुर्माना लगाने के आदेश दिए।
वीडीओ पर 15 हजार का जुर्माना
राज्य सूचना आयुक्त लक्ष्मण सिंह ने बाड़मेर जिले में सांता पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी पर 15 हजार का जुर्माना लगाया। आयोग ने यह जुर्माना तब लगाया जब वादी भगवान सिंह ने शिकायत की कि अधिकारी उन्हें लम्बे समय से सूचना नहीं दे रहे हैं। आवेदक ने 10 सितंबर 2018 को ग्राम पंचायत में अर्जी देकर गांव में सप्लाई की गई सामग्री का विवरण मांगा था। लेकिन अफसर ने अनसुना कर दिया। आयोग ने अधिकारी से जवाब-तलब किया और पांच बार नोटिस भेज कर सफाई देने को कहा। लेकिन अधिकारी ने कोई परवाह नहीं की।
सचिव पर 15 हजार का जुर्माना
आयोग ने पाली जिले में कुरना के ग्राम सचिव 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। वहां स्थानीय व्यक्ति ढला राम ने 20 दिसम्बर 2018 को ग्राम पंचायत से पंचायत की बैठक और कैश बुक का विवरण मांगा था, लेकिन ग्राम सचिव ने उनके आवेदन को अनदेखा कर दिया। आयोग ने ग्राम सचिव को 4 बार नोटिस भेज कर स्प्ष्टीकरण देने को कहा। लेकिन ग्राम सचिव ने इसे भी अनदेखा किया। ग्राम सचिव पर 15 हजार जुर्माना लगाने का आदेश दिया। इसके अलावा, आयोग ने जोधपुर जिले में भाखरी के ग्राम सेवक पर 10 हजार का जुर्माना लगाया है।