–मुकेश भाटिया कमोडिटी एक्सपर्ट
कोटा। दुनिया में इंडिया जीरा का एक बड़ा उत्पादक देश है। दुनिया भर में जितना जीरे का उत्पादन होता है, उसका 80% जीरा इंडिया में होता है। इंडिया में जितना जीरा होता है उसका 90% जीरा गुजरात और राजस्थान में होता है। इंडिया जीरा का दुनिया में सबसे बड़ा निर्यातक देश है। इंडिया से खाड़ी देशों चीन, बांग्ला देश, अमेरिका, यूरोप, लैटिन, अमेरिकन देशों सहित और भी अनेक देशों को जीरे का निर्यात होता है। चालू सीजन में तुर्की सीरिया में जीरा उत्पादन कम होने से इंडिया का जीरा निर्यात अभी तक सबसे ज्यादा आल टाइम हाई करीब 2 लाख टन हुआ है।
इंडिया के सिवाय तुर्की सीरिया और अफगानिस्तान में भी जीरा होता है। लेकिन सीरिया में लम्बे समय से राजनैतिक अशांति के कारण जीरा सहित बाकी कृषि उपजों पर भी बुरा असर हुआ है। इस बात से भी साबित होता है की इंडिया की सरकार ने हाल ही में 1000 टन चावल सीरिया को सहायता के लिए मुफ्त में दिया। गुजरात की उंझा मंडी पूरे एशिया में जीरा की सबसे बड़ी मंडी है। गत साल इंडिया में 55 लाख बोरी (1 बोरी=55 किलो) जीरा का उत्पादन हुआ था। नए सीजन में जीरा का 85/90 लाख बोरी उत्पादन होने का अनुमान है। अनुभवी बोल रहे हैं कि इस बार गुजरात में जीरा उत्पादक विस्तारों में ठंडी जल्दी पूरी हो जाने से जीरा का उतारा घटेगा और उत्पादन कुछ कम ही होगा।
गुजरात में गत साल जीरा की बोनी 4.88 लाख हेक्टर में हुयी थी, जबकि इस साल बोनी 4.69 लाख हेक्टर में हुयी है। उंझा मंडी में अभी बेस्ट क्वालिटी का जीरा लूज 135/145 रुपये किलो और मीडियम क्वालिटी का 120/130 रुपये के बीच बोल रहे हैं। जीरा व्यापार से जुड़े एक बड़े अनुभवी बोल रहे हैं की गुजरात में कुछ जगह मौसम बिगड़ने और कहीं कहीं कोहरा ज्यादा होने से जीरा फसल में जीवाणु लगने की खबर है। इसलिए गुजरात और राजस्थान में जीरा उत्पादन के पक्के आकड़े मिलने में और कुछ वक़्त लगेगा। उनका कहना है की जीरा में फ़िलहाल 4/5 रुपये प्रति किलो से ज्यादा मंदी की उम्मीद नहीं है।
उनका ये भी कहना है की जीरा के भाव नीचे में जो भी बन जाये उसमे 20 रुपये किलो की तेजी जुलाई अगस्त तक आ सकती है। गुजरात में नए जीरे की आवक अगले माह बढ़ जाएगी। वैसे धीरे-धीरे बढ़ ही रही है। राजस्थान में भी जीरा की आवक अगले माह शुरू होगी। कहीं-कहीं उत्पादकता भी कम बैठ रही है। ऐसी आशंका है कि एकंदर गुजरात में फसल 15 से 20 प्रतिशत कम उतर सकती है, किंतु केरीओवर स्टॉक अधिक होने से बड़ी तेजी की उम्मीद कम है।
पिछले दिनों ऊंझा मंडी में भाव बढ़े थे, उसमें पुन: कुछ गिरावट आई है। फ़िलहाल निर्यात सामान्य से अधिक नहीं और घरेलू ग्राहकी भी साधारण है। वायदे वाले अनेक कारण बनाकर तेजी करना चाह रहे हैं उसमें सफलता नहीं मिल रही है। जीरा में फ़िलहाल लम्बी मंदी की उम्मीद नहीं है। कारण 12 अप्रैल को रमजान माह शुरू होगा इसलिए मार्च माह में जब जीरा की घरेलू मंडियों में आवक बढ़ेगी तब जीरा की निर्यात मांग भी निकलेगी। घरेलू पाइप लाइन भी खाली है इसलिए मांग भी निकलेगी।