गुपचुप दाम बढ़ा रही पेट्रोलियम कंपनियां

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पहली जुलाई से पेट्रोल का दाम 9% बढ़ा, डीजल 7% चढ़ा, इनके दाम चढ़ने से इकॉनमी में महंगाई के सिर उठाने की आशंका भी बनती है।

नई दिल्ली। पहली जुलाई से अब तक पेट्रोल और डीजल के दाम कितनी वृद्धि हुई है? दरअसल कीमतों में रोज बदलाव होने से ज्यादातर लोगों का ध्यान इस पर नहीं गया है।

सरकारी ऑइल कंपनियां पहली जुलाई से पेट्रोल का दाम 5.64 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 3.72 रुपये प्रति लीटर बढ़ा चुकी हैं।

इंडियन ऑइल कॉरपोरेशन की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल बुधवार को 68.73 रुपये प्रति लीटर और डीजल 57.05 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बेचा जा रहा था। पहली जुलाई को पेट्रोल का दाम 63.09 रुपये अैर डीजल का 53.33 रुपये प्रति लीटर था।

दूसरे राज्यों में इन फ्यूल्स के दाम लोकल टैक्स के हिसाब से बदल सकते हैं। पेट्रोल, डीजल, जेट फ्यूल, क्रूड ऑयल और नैचरल गैस को गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स के दायरे में नहीं रखा गया है। हालांकि कुकिंग गैस और लुब्रिकेंट्स जीएसटी के दायरे में हैं।

पेट्रोल, डीजल, कुकिंग गैस और केरोसिन के दाम का मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील रहा है क्योंकि इनका सीधा असर लोगों के घरेलू बजट पर पड़ता है। इनके दाम चढ़ने से इकॉनमी में महंगाई के सिर उठाने की आशंका भी बनती है।

यही वजह है कि कुकिंग गैस और केरोसिन के दाम अब भी पूरी तरह से डीरेग्युलेट नहीं किए गए हैं, लेकिन ग्लोबल लेवल पर क्रूड के दाम घटने से सरकार को ट्रांसपोर्टेशन फ्यूल को डीकंट्रोल करने में मदद मिली है। पेट्रोल के दाम से 2010 में और डीजल से 2014 में सरकारी कंट्रोल हटाया गया था।

इस साल जून तक सरकारी कंपनियां हर पखवाड़े कीमतों में बदलाव करती थीं ताकि उन्हें इंटरनेशनल प्राइसेज के मुताबिक किया जा सके और करेंसी में उतार-चढ़ाव के मुताबिक एडजस्टमेंट हो सके।

हालांकि राजनीतिक अनिश्चितता से बचने के लिए कई बार कुछ पखवाड़ों तक दाम जस के तस रहने दिए जाते थे, खासतौर से चुनावों के दौरान।

16 जून से कंपनियों ने इनकी कीमतों में रोज बदलाव करना शुरू किया था। इससे कीमतों में बदलाव भले ही कम दिखता हो, लेकिन आम उपभोक्ता का खास ध्यान उन पर नहीं पड़ रहा था।

पहली जुलाई से पेट्रोल का दाम 9 पर्सेंट और डीजल का 7 पर्सेंट बढ़ने का मतलब यह है कि रोज कीमतें बदलने का मकसद पूरा हो रहा है।

देश में पेट्रोल और डीजल के दाम का संबंध इनके अंतरराष्ट्रीय भाव से है, न कि क्रूड ऑइल से। इसी दौरान क्रूड ऑइल की इंडियन बास्केट में भी 9 पर्सेंट बढ़ोतरी हुई है।

कीमतों में रोज बदलाव शुरू होने का पेट्रोल पंप डीलरों ने कड़ा विरोध किया था और उन्होंने प्राइस घटने से प्रॉफिटेबिलिटी को झटका लगने और इनवेंटरी पर लॉस होने का दावा किया था।

16 जून से 30 जून के बीच पेट्रोल का दाम 2.17 रुपये प्रति लीटर और डीजल का 1.03 रुपये प्रति लीटर घटा, लेकिन जुलाई में कीमतें चढ़नी शुरू हुईं तो डीलरों ने विरोध बंद कर दिया।