सत्ता में बैठे लोग हमारी पत्रकारिता से इतने बेचैन हैं कि मुझे जेल तक भेज दिया: अर्नब

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नई दिल्ली। अर्नब गोस्वामी के हिन्दी न्यूज़ चैनल रिपब्लिक भारत को 2 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर अर्नब गोस्वामी ने अपने शो ‘पूछता है भारत’ में कहा कि उनकी पत्रकारिता से सत्ता में बैठे लोग बेचैन हैं। अर्नब ने कहा कि आज निडर, निर्भीक पत्रकारिता के दो साल पूरे हो गए। दो साल पहले हमने जिस सोच के साथ इस चैनल का शुभारंभ किया था, उससे हम डिगे नहीं, उससे हम जरा भी भटके नहीं, हमने अपने चैनल को राष्ट्र के नाम समर्पित किया था।

चैनल के एडिटर इन चीफ ने कहा “हमारा रोम रोम इस देश के नाम है। हमारे खून का एक एक कतरा इस देश के लिए समर्पित है। दोस्तों हमने 2 फरवरी 2019 को जब रिपब्लिक भारत लॉन्च किया। तब नई टीम बनाई और दिल से रिपोर्टिंग की। महाभारत काल में, जिस तरह अर्जुन को मछली की आंख दिखाई देती थी, उसी तरह हमारी आंखों ने सिर्फ सच देखा। हमने ठाना था कि इंसाफ की लड़ाई को कभी कमजोर नहीं पड़ने देंगे। सच चाहे जितनी भी परतों में ढंका हो, उसे हम ढूंढ निकालेंगे और बीते दो साल में हमने वही किया।”

अर्नब ने कहा “मुश्किलें बहुत आयीं, हमें धमकियां दी गयीं, मुझ पर हमले हुए, ऐसिड अटैक तक किए गए। सत्ता में बैठे लोग हमारी पत्रकारिता से इतने बेचैन हो गए कि मुझे जेल तक भेज दिया। आपके चैनल के खिलाफ तरह तरह की साजिशें की गयी। हमारी टीम को परेशान किया गया। झूठे, मनगढ़ंत केसेज़ में हजारों घंटों तक उनसे पूछताछ की गई। लेकिन हमने समझौता नहीं किया और ना ही हम किसी के सामने झुके। षड़यंत्र रचने वालों ने सोचा था कि वो मुझे और मेरे चैनल को सच की राह से हिला देंगे।उन्होंने सोचा था कि दूसरे बड़े बड़े नाम वालों की तरह हम भी खबरों की सौदेबाज़ी करेंगे, पर R भारत के हर एक पत्रकार की रगों में देश के लिए समर्पण का भाव है। इसलिए हम अपनी धुन में अपनी पत्रकारिता की नयी लकीर खींचते रहे।”

अर्नब ने कहा कि पालघर के साधुओं की हत्या का केस को दबाने की कोशिश हुई। तब हमने साधुओं को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ी। शाहीन बाग में रची गयी साजिश का पूरा सच हम सामने लेकर आए। जब टुकड़े-टुकड़े गैंग और अर्बन नक्सलियों ने मिल कर CAA और NRC के नाम पर दिल्ली में दंगे करवाए, तब हमने उन्हें बेनकाब किया। जिन देश द्रोहियों को दूसरे चैनल हीरो की तरह पेश कर रहे थे, तब हमने उनकी असलियत देश को दिखायी। जब सुशांत सिंह राजपूत की हत्या को फाइलों में दबाने की कोशिश की गयी, तब हमने ईमानदार जांच की लड़ाई शुरू की। हम कभी अपनी कोशिश को अधूरा नहीं छोड़ते, अंजाम तक पहुंचा कर दम लेते हैं।

इस दौरान अर्नब ने दूसरे चैनलों पर भी निशाना साधा। अर्नब ने कहा “जो चैनल 20 साल से खुद को मसीहा मान कर चल रहे थे। उनका घमंड हमने चूर चूर किया। हम आगे बढ़े तो लुटियन्स पत्रकारों में खलबली मच गयी। जिन नेताओं के घर वो चाय पीने जाते थे, उनकी जमीन खिसकने लगी। फिर ये लुटियन पत्रकार और नेता मिल कर हमारे खिलाफ साजिशें रचने लगे। रोज नयी-नयी साजिश, रोज नए नए केस लगाए गए। लेकिन दोस्तों ये डरे हुए, कमजोर लोग हैं इसलिए ना मैं इनसे कभी डरा, ना ही रिपब्लिक भारत में काम करने वाला कोई पत्रकार इनसे डरा। आज मैं इन साज़िश रचने वालों को चुनौती देता हूं। हिम्मत है तो सामने आओ सामने से वार करो। कबतक दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साधोगे। कबतक पीठ में खंजर भोंकोगे। दम है तो सामने से हमारा मुकाबला करो।”