जयपुर। राजस्थान में आयकर विभाग की टीम ने जयपुर के तीन कारोबारी समूहों (चौरड़िया डेवलपर्स ग्रुप, गोकुल कृपा बिल्डर्स और सिल्वर आर्ट ग्रुप) के प्रतिष्ठानों पर छापमारी के दौरान करीब पौने दो हजार करोड़ रुपए (1500 करोड़ रुपए) की अनधिकृत और बेनामी लेन-देन का खुलासा किया है। विभाग के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता के अनुसार आगे की जांच की जा रही है।
बता दें कि आयकर विभाग ने जयपुर में तीन कारोबारी समूहों के यहां तलाशी ली और सर्वे किया। इनमें एक प्रमुख जौहरी फर्म और दो रियल एस्टेट फर्म हैं। विभाग की टीमों ने इन फर्मों के 20 परिसरों में तलाशी ली जबकि 11 परिसरों में सर्वे का काम किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इस दौरान विभाग की टीमों को बड़ी संख्या में दस्तावेज और बेहिसाबी रसीदें, विकास कार्य मद में बिना ब्यौरे के खर्च, बिना ब्यौरे की संपत्तियां, नकदी कर्ज व अग्रिम से जुड़ा डिजिटल आंकड़ा मिला।
उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी बात है कि इस कारोबारी समूह ने पिछले 6-7 साल के सारा बेहिसाब लेन-देन का पूरा ब्योरा कई रजिस्टरों, स्लिप पैड, दिन-प्रतिदिन की कच्ची कैश बुक आदि के रूप में ‘सुरंग’ में छुपा रखा था जिसे जब्त किया गया है। सुरंग से 17 बोरे आर्ट ज्वेलरी व एंटीक सामान और लेनदेन व संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले है। गुफा से दो हार्ड-डिस्क और पेन-ड्राइव भी मिलीं।
इस समूह में अब तक 650 करोड़ रुपए के बेनामी लेनदेन का पता चला है। वहीं जौहरी फर्म के परिसरों की तलाशी से 525 करोड़ रुपए के बेनामी लेनदेन का खुलासा हुआ है तो अन्य रियल इस्टेट डेवलपर फर्म के यहां तलाशी से लगभग 225 करोड़ रुपए के बेहिसाबी बेनामी लेनदेन का खुलासा हुआ है।
आयकर विभाग ने बताया कि पड़ताल में पता चला है कि एंटीक और आर्ट के नाम पर सिल्वर आर्ट ग्रुप ने 5 से 10 गुना अधिक कीमत पर सामान बेचा। सामान विदेशों में एक्सपोर्ट हुआ है और बड़ी तादाद में सैलानियों द्वारा खरीदा गया।