73 साल में पहली बार बजट दस्तावेज नहीं छपेगा, वित्त मंत्री सॉफ्ट कॉपी से पढ़ेंगी भाषण

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नई दिल्ली। आजादी के बाद (1947) से हर साल छपते आ रहे बजट दस्तावेज पर भी कोरोना का ग्रहण लग गया है। संक्रमण के डर से इस बार बजट 2021-22 के दस्तावेज नहीं छापे जा रहे हैं। सरकार को इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष और राज्य सभा के सभापति की मंजूरी मिल गई है। सभी संसद सदस्यों को इस बार बजट के दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी मुहैया कराई जाएगी।

ऐसे में इस बार बजट के दिन संसद के बाहर दस्तावेज पहुंचाने वाले ट्रक नजर नहीं आएंगे। केंद्रीय बजट की छपाई हर साल वित्त मंत्रालय की प्रिंटिंग प्रेस में होती रही है। वित्त मंत्रालय का कहना था कि बजट के दस्तावेजों की छपाई के लिए 100 से ज्यादा लोगों को दो हफ्ते तक एक ही जगह रखना होता है। कोरोना को देखते हुए सरकार इतने लोगों को इतने लंबे समय तक प्रिंटिंग प्रेस में नहीं रख सकती।

सूत्रों के मुताबिक, सॉफ्ट कॉपी के लिए सांसदों को मनाने में लोकसभा अध्यक्ष और उपसभापति को काफी मशक्कत करनी पड़ी। बजट के डॉक्यूमेंट्स को लेकर दो विकल्प रखे गए थे। सभी सांसदों को सॉफ्ट कॉपी दी जाए या किसी को नहीं। वहीं, जो सांसद टेक सैवी नहीं हैं, उनके लिए सीमित संख्या में कॉपी छापना मुमकिन नहीं था। दलील दी गई कि दस्तावेज छापे गए तो उन्हें लाने-ले जाने में कोरोना संक्रमण का जोखिम हो सकता है।