नई दिल्ली। कई दिनों से रिकार्ड तोड़ रही ठंड के बीच रविवार को हुई बारिश किसी वरदान से कम नहीं है। बारिश की बूंदों ने प्रदूषण के स्तर को तो कम किया ही, गेहूं-सरसों समेत कई फसलों व सब्जियों को भी खूब लाभ पहुंचाया है। कई फसलों को इस वक्त सिंचाई की जरूरत थी, उनके लिए ये बूंदें अमृत समान हैं। इससे फसलों को पाला मारने का डर भी खत्म हो गया है।
पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रधान विज्ञानी डॉ. जेपीएस डबास ने कहा कि जहां बारिश ने अधिक मेहरबानी दिखाई वहां की फसलों के लिए यह सोना है और जहां थोड़ी कम सिर्फ बूंदाबांदी हुई वहां की फसलों के लिए इसे चांदी कह सकते हैं। सरसों के लिए बारिश अच्छी रही। वहीं गेहूं की फसल को भी मजबूती मिली है। सिंचाई के लिए भूजल का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा।
कम से कम एक बार की सिंचाई करने की जरूरत से किसान को फिलहाल निजात मिल गई है। लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डॉ. सुखपाल सिंह ने कहा कि इस समय बारिश की बहुत जरूरत थी। इससे सिंचाई की जरूरत पूरी होगी। फसलों में रोग लगने की संभावना भी काफी कम हो गई है और अब उनकी ग्रोथ में तेजी आएगी।
सब्जियों के लिए भी बेहतर
कृषि विज्ञानियों का कहना है कि प्याज व गोभी के लिए यह बारिश लाभदायक है, लेकिन टमाटर व आलू की फसल के लिए खतरे की घंटी है। अभी तो ठीक है, लेकिन आने वाले दिनों में इन फसलों में पछेता झुलसा रोग लगने की आशंका है। बेहतर होगा कि किसान अभी से सतर्कता बरतें। लक्षण नजर आने पर उपचार की व्यवस्था करें।