बिटकॉइन की कीमत 24 लाख रुपए हुई, बीते 1 साल में दिया 300% रिटर्न

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मुंबई। क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन नए साल की शुरुआत में ही रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया है। शनिवार को इसमें लगभग 11% की बढ़ोतरी हुई है, और इसके साथ ही बिटकॉइन की कीमत 32,606 डॉलर (रविवार सुबह 8 बजे) यानी करीब 23 लाख 83 हजार रुपए प्रति यूनिट पर पहुंच गई है। बीते साल यानी 2020 में इसकी कीमत में 300% से अधिक बढ़ोतरी हुई है। तुरंत मुनाफे के लिए बड़े निवेशक इसका रुख कर रहे हैं जिससे इसकी कीमत तेजी से बढ़ रही है।

2020 में 4 गुना बढ़ा भाव
31 दिसंबर 2019 को बिटकॉइन 7,212 डॉलर पर बंद हुआ था। उस स्तर के मुकाबले गुरुवार के अपने टॉप लेवल पर इस क्रिप्टोकरेंसी ने 300% से ज्यादा का रिटर्न (4 गुना बढ़ा भाव) दिया है। गुरुवार के टॉप लेवल पर दिसंबर में बिटकॉइन ने निवेशकों को 50.37% का रिटर्न दिया है। 30 नवंबर 2020 को इसका प्राइस 19,438 डॉलर था।

क्रिप्टोकरेंसी में तेजी की एक वजह ये भी
दुनिया की सबसे बड़ी असेट मैनेजमेंट फर्म ब्लैकरॉक (BLK) ने अनुमान जताया है कि सेफ हेवन चॉइस के तौर पर बिटकॉइन एक दिन गोल्ड की जगह ले सकता है। इसे भी बिटकॉइन की कीमतों में तेजी की वजह माना जा रहा है। छोटी क्रिप्टोकरेंसी में शुमार इथेरियम, XRP, लाइटकॉइन और स्टेलर की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से भी बिटकॉइन में तेजी आ रही है।

कैसे होती है बिटकॉइन में ट्रेडिंग?
बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट के जरिए होती है। बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है। दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती बढ़ती रहती है। इसे कोई देश निर्धारित नहीं करता बल्कि डिजिटली कंट्रोल होने वाली करंसी है. बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई तय समय नहीं होता है।

क्या होता है बिटकॉइन?
बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। बिटकॉइन ऐसे करेंसी है जिसे ना तो आप देख सकते हैं और ना ही आप छू सकते हैं। यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही स्टोर होती है।

2008 में हुई थी शुरुआत
बिटकॉइन की खोज 2008 में हुई थी। आधिकारिक रूप से बिटकॉइन 2009 में लॉन्च हुआ था। भारत में अभी बिटकॉइन समेत किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता नहीं मिली है।