इस बार बजट में वेतनभोगियों को मिल सकती है आयकर छूट की सौगात

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नई दिल्ली। कोरोना काल में औरों से ज्यादा परेशानी झेल रहे निम्न मध्यम वर्गीय वेतनभोगी (Salaried) को आगामी बजट में आयकर छूट की सौगात मिल सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2021 का बजट पेश करते हुए इनके लिए कुछ राहत की घोषणा कर सकती हैं। उम्मीद है कि स्टेंडर्ड डिडक्शन लिमिट, मेडिकल इंश्योरेंस बेनिफिट और आयकर कानून की धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट की सीमा में कुछ बढ़ोतरी की घोषणा हो सकती है।

वर्ष 2020 देश के वेतनभोगी वर्ग के लिए बेहद कठिन साल रहा। इस दौरान अधिकतर निम्न मध्यम वर्गीय वेतनभोगियों को वेतन-कटौती का दंश झेलना पड़ा। इस दौरान काफी लोगों को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा। हालांकि लॉकडाउन खत्म होने के बाद काफी लोगों को फिर से नौकरी मिलनी शुरू हो गई है लेकिन अब पहले जैसी बात नहीं रही है। इनके लिए न सिर्फ काम के घंटे बढ़े हैं बल्कि कई कर्मचारियों का काम एक कर्मचारी से लिया जा रहा है

वित्त मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने संकेत दिया है कि आगामी बजट में वेतनभोगियों के लिए आयकर में कुछ छूट दिए जाने की तैयारी है। ताकि, उनकी जेब में कुछ अतिरिक्त पैसा बचे। कोरोना की वजह से जब लॉकडाउन हुआ था तो न सिर्फ इनकी सैलरी में कट हुआ था बल्कि घर में होने की वजह से इनके रिइबर्समेंट भी टैक्सेबल हो गए थे। इसके अलावा फूड बिल, इंटरटेनमेंट अलाउंस और पेट्रोल बिल आदि के रूप में मिलने वाली रकम भी टैक्सेबल हो गई। इसलिए इन्हें अगले बजट कुछ राहत दी जा सकती है।

बढ़ सकती है स्टेंडर्ड डिडक्शन की लिमिट
कोरोना के बाद बाजार में महंगाई का जबरदस्त झोंका आया है। पहले जो चाय पांच और सात रुपये में मिलती थी, वह 10 और 15 रुपये की हो गई। 10 रुपये में बिकने वाला समोसा 15 रुपये का हो गया। यही हालत अन्य वस्तुओं की भी है। सरकार का मानना है कि कम वेतन और बढ़ते खर्च के बीच तालमेल बिठाने के लिए वेतन भोगियों को कुछ राहत मिलनी चाहिए। यह क्या हो, अभी तय किया जाना है। हालांकि आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि स्टेंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ा कर भी राहत दी जा सकती है। इस समय 50 हजार रुपये की जो स्टेंडर्ड डिडक्शन की सीमा है, इसे एक लाख रुपये तक किया जा सकता है।

स्वास्थ्य बीमा मद में आयकर छूट की सीमा बढ़ सकती है
कोरोना के काल में डॉक्टरों ने फी बढ़ा दिया है। इसके साथ ही अस्पतालों में भी मरीजों की चिकित्सा में जुटे मेडिकल प्रोफेशनल्स द्वारा यूज किये जाने वाले मास्क, ग्लब्स और पीपीई किट आदि का खर्च भी मरीजों के बिल में थोपा जा रहा है। इसलिए स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम भरने में मिलने वाली छूट की सीमा को बढ़ाया जा सकता है।

इनकम टैक्स स्लैब में हो सकता है बदलाव
अधिकारियों का संकेत है कि इस बार इनकम टैक्स स्लैब की सीमा में बढ़ोतरी हो सकती है। अभी ढाई लाख रुपये की आय पर कोई कर नहीं लगता है जबकि कुछ शर्तों की पूरा करने के बाद पांच लाख रुपये तक की आमदनी आयकर मुक्त हो जाती है। पिछले साल यूं तो नए टैक्स स्लैब लांच किए गए थे, लेकिन इसका लाभ उन्हीं को मिलेगा जो कि डिडक्शन या अन्य प्रोत्साहन का लाभ नहीं लेते। हो सकता है कि इस साल इसे आसान कर दिया जाए। हो सकता है कि बाजार में मांग बढ़ाने के लिए सरकार पांच लाख रुपये तक की आमदनी को कर मुक्त कर दे।

कारपोरेट को पहले ही मिल चुकी है राहत
गौरतलब है सरकार ने बाजार में रौनक बढ़ाने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में पिछले साल ही कटौती की थी। दूसरी ओर RBI ने भी रेपो रेट में उल्लेखनीय कटौती की घोषणा कर चुकी है। कोरोना काल में भी उनके लिए एक के बाद एक घोषणा की गई है, जिनमें प्रोडक्शन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना भी शामिल है। इसलिए अब माना जा रहा है कि इस बार बारी इंडिविडुअल टैक्स पेयर्स की होगी।