नई दिल्ली। सरकार सभी तरह की कारों में फ्रंट सीट्स के लिए एयरबैग्स अनिवार्य करने जा रही है। पिछले साल 1 जुलाई को ड्राइवर की सीट के लिए एयरबैग अनिवार्य किया गया था। नए नियम में सभी तरह की कारों के फ्रंट की दोनों सीट्स के लिए एयरबैग्स देना अनिवार्य हो जाएगा। वाहन मानकों की तकनीकी समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और सरकार ने ऑटोमेटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) में संशोधन के लिए एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, सड़क परिवहन मंत्रालय इस बारे में मंथन कर रहा है कि नया नियम कब से लागू किया जाएगा। यह फैसला कार निर्माताओं से बातचीत के बाद लिया गया है और उन्हें इसे लागू करने के लिए पर्याप्त वक्त दिया जाएगा। सूत्र के मुताबिक, यह व्यवस्था लागू होने के लिए सालभर का वक्त काफी होगा।
अभी कारों में सिंगल एयरबैग अनिवार्य है। इससे ड्राइवर के बगल में बैठे शख्स को गंभीर चोट यहां तक कि मृत्यु का खतरा बना रहता है। स्पीड अलर्ट, रिवर्स पार्किंग सेंसर्स और सीट बेल्ट जैसे फीचर्स कम लागत वाले थे और वे गाड़ियों का हिस्सा रहे हैं। लेकिन फ्रंट सीट्स पर बैठने वालों के लिए एयरबैग्स अबतक अनिवार्य नहीं किए गए थे।
दुनियाभर में इसे लेकर एक राय है कि दुर्घटना की स्थिति में सवारों को बचाने के लिए वाहनों में जितने ज्यादा फीचर्स हो सकें, उतना अच्छा। हमने यह साफ कर दिया है कि वाहनों के सुरक्षा फीचर्स से कोई समझौता नहीं होगा, चाहे लागत कितनी भी हो।
केंद्र सरकार के एक अधिकारी
AIS में संशोधन के प्रस्ताव में एक बदलाव यह भी है कि कॉमर्शियल मकसद से इस्तेमाल होने वाले सभी चार पहिया वाहनों में चाइल्ड लॉक सिस्टम की अनुमति नहीं होगी। अभी ऐसे वाहनों के ड्राइवर्स को सुरक्षा के लिहाज से चाइल्ड लॉक सिस्टम को डिसेबल करना पड़ता है।
निरीक्षण में रोड सेफ्टी पर नजर रखना जरूरी
एक बदलाव यह भी है कि अब मंत्रालय के हर अधिकारी को किसी भी दौरे पर उनके न्याय-क्षेत्र में आने वाले नैशनल हाइवे और सरकारी सड़कों के सेफ्टी इश्यूज पर नजर रखनी होगी। मंत्रालय ने सभी अधिकारियों को ऐसी सभी जानकारी क्षेत्रीय कार्यालयों में भेजने को कहा है। संबंधित दफ्तर में हर महीने इससे जुड़ा एक नोट तैयार होगा। फिर उन दिक्कतों को दूर करने के लिए क्या हुआ, इसकी रिपोर्ट भी बनेगी।