खुदकुशी केस में चार्जशीट नहीं हो दाखिल, हाईकोर्ट से अर्नब की अपील

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मुंबई। रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी ने गुरुवार को बंबई हाईकोर्ट के समक्ष एक अत्यावश्यक याचिका दायर कर 2018 के अनवय नाइक को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में आरोप-पत्र दायर करने और आगे की जांच पर रोक लगाने की मांग की है।

याचिका में कहा गया कि मामले की सीआईडी द्वारा फिर से जांच कराने का आदेश देने वाले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि रायगढ़ जिले में अलीबाग पुलिस द्वारा पिछली जांच गत वर्ष ही बंद कर दी गई थी।

इस मामले में आरोपियों में से एक गोस्वामी को अलीबाग पुलिस द्वारा पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। चार नवंबर को हुई अपनी गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए गोस्वामी ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि मामले की जांच सीबीआई या किसी दूसरी स्वतंत्र एजेंसी को स्थानांतरित की जाए।

याचिका में आरोप लगाया गया कि महाराष्ट्र सरकार ने इस साल मई में बदले की भावना से मामले की फिर से जांच कराने का आदेश दिया था। आंतरिक सज्जाकार अनवय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक ने कथित तौर पर गोस्वामी व दो अन्य की कंपनियों द्वारा बकाए का भुगतान नहीं किये जाने की वजह से 2018 में खुदकुशी कर ली थी।

हकीकत यह है
जबकि सच्चाई तो यह है कि अन्वय नायक ने पहले अपनी मां की हत्या की और फिर खुद ने आत्महत्या की। आत्महत्या का कारण आर्थिक तंगी और पत्नी से झगड़ा था। अर्नब गोस्वामी ने तो 90 % राशि का भुगतान कर दिया था। बाकी राशि काम पूरा नहीं होने के कारण रोक ली थी। इसलिए पहले ही जांच में पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी और केस बंद कर दिया था।