कृषि कानून के खिलाफ काेटा में भी उमड़े किसान, जलाए पीएम एवं गृहमंत्री के पुतले

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कोटा। देशभर में हाे रहा कृषि कानून का विराेध अब काेटा संभाग में आ गया है। गुरुवार काे काेटा संभाग के किसान सड़क पर उतरे और रैली निकालकर आक्राेश जताया। वहीं कलेक्ट्रेट पर भी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का पुतला फूंका। किसानाें ने चेतावनी दी है कि जब तक यह कानून वापस नहीं लिया जाता, तब तक आंदाेलन जारी रहेगा।

यहां के किसान अब दिल्ली कूच करेंगे। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से कोटा, बूंदी, बारां व झालावाड़ के कस्बों-गांवों से ट्रैक्टर-ट्राॅलियों, बसों, टेम्पो, बाइक आदि से किसानों के जत्थे शहीद स्मारक स्थल पर एकत्रित हुए। किसानों ने अपने हाथों में विभिन्न किसान संगठनों के बैनर और झण्डे थामे हुए थे। शहीद स्मारक से किसान आक्रोश रैली कोटा कलेक्ट्रेट की ओर रवाना हुईं। रैली में शामिल जोशीले किसान भाजपा की केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

किसानों की मांग थी कि तीनों काले कानून संसद का विशेष सत्र बुलाकर रद्द किया जाए और समर्थन मूल्य पर उपज खरीदने का गारंटी कानून बनाया जाए। रैली का नेतृत्व समन्वय समिति के संयोजक फतेहचंद बागला, अखिल भारतीय किसानसभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दुलीचंद बोरदा, किसान फेडरेशन के अब्दुल गफूर, किसान सर्वोदय मंडल के अब्दुल हमीद गौड़, किसान मोर्चा (आप) के लालचंद सुमन, किसान पंचायत के जितेन्द्र सिंह, किसान संघर्ष मोर्चा के बलविंदर सिंह, शरणजीत, कलविंदर सिंह कर रहे थे।

कोटा कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर रैली विशाल सभा में परिवर्तित हो गई। यहां आक्रोशित किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह का पुतला जलाकर किसान विरोधी काले कानून को रद्द करने के नारे लगाए। वे कलेक्टर को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। किसानों की मांग पर एसडीएम ज्ञापन लेने पहुंचे।

45 मिनट तक जद्दोजहद के बाद भी प्रदर्शनकारी नहीं माने। बाद में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचा। इसी बात से अन्य प्रदर्शनकारी नाराज हो गए। कलेक्ट्री गेट पर फिर से धरने पर बैठ गए। जब प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन देकर पहुंचा तो दोनों धड़े आपस मे उलझ गए।

गाइड लाइन की धज्जियां उड़ी
प्रदर्शनकारियों ने मोदी सरकार का पुतला भी फूंका। रैली के दौरान कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ीं। कई प्रदर्शनकारियों ने मास्क नहीं पहना। रैली, प्रदर्शन व धरने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नही रखी गई। कलेक्टर को ज्ञापन देते एएसपी ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मास्क पहनने की बात कही।