नई दिल्ली। देश की थोक महंगाई में लगातार तीसरे महीने तेजी दर्ज की गई। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) पर आधारित महंगाई दर अक्टूबर में उछलकर 1.48 फीसदी पर पहुंच गई। सितंबर में थोक महंगाई की दर 1.32 फीसदी थी।
एक साल पहले की समान अवधि में थोक महंगाई की दर 0 (शून्य) फीसदी रही थी। मैन्यूफैक्चर्ड सामानों की थोक महंगाई दर बढ़कर पिछले महीने 2.12 फीसदी पर पहुंच गई, जो सितंबर में 1.61 फीसदी थी। एक साल पहले की समान अवधि में मैन्यूफैर्च्ड सामानों की महंगाई दर (-) 0.93 फीसदी रही थी।
8 महीने की सर्वाधिक थोक महंगाई
ताजा थोक महंगाई दर पिछले 8 महीने में सर्वाधिक है। यह इस साल फरवरी में दर्ज की गई 2.26 फीसदी थोक महंगाई दर के बाद सबसे ज्यादा है। ईंधन और बिजली सेगमेंट की थोक महंगाई दर अक्टूबर में (-) 10.95 फीसदी दर्ज की गई।
प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर अक्टूबर में घटकर 4.74 फीसदी रही, जो सितंबर 2020 में 5.10 थी। एक साल पहले की समान अवधि में प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर 6.05 फीसदी रही थी। WPI में प्राइमरी आर्टिकल्स का योगदान 22.62 फीसदी होता है।
थोक महंगाई दर 8.17% से घटकर 6.37% पर आई
खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर भी घटकर 6.37 फीसदी पर आ गई, जो सितंबर में 8.17 फीसदी पर और एक साल पहले की समान अवधि में 9.80 फीसदी पर थी।
- आलू पिछले महीने 107.70 फीसदी महंगा हुआ। सितंबर 2020 में यह 107.63 फीसदी महंगा हुआ था।
- प्याज अक्टूबर में 8.49 फीसदी महंगा हुआ, जबकि सितंबर में इसकी कीमत 31.64 फीसदी घटी थी।
- दाल पिछले महीने 15.93 फीसदी महंगा हुआ, सितंबर 2020 में यह 12.53 फीसदी महंगा हुआ था।