नई दिल्ली। टेक्निकल एजुकेशन की नियामक संस्था ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने तय किया है कि जिन इंजीनियरिंग कॉलेजों में 30 पर्सेंट से कम एडमिशन हो रहे हैं, उन्हें बंद किया जाएगा। देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में करीब 27 लाख सीटें खाली रहती हैं।
इसे ध्यान में रखते हुए एआईसीटीई ने तय किया है कि जिन कॉलेजों में पिछले 5 सालों में 30 पर्सेंट से कम सीटों पर एडमिशन हुए हैं, उन्हें अगले सेशन से बंद किया जाएगा।
संख्या घटाने की कवायद
एक कार्यक्रम में बोलते हुए एआईसीटीई के चेयरमैन अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि पिछले कुछ सालों से हम खराब क्वॉलिटी और कम डिमांड की वजह से इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट्स की संख्या घटाने के लिए काम कर रहे हैं। हमने इंजीनियरिंग कॉलेज बंद करने पर पेनल्टी भी काफी घटा दी है, जिससे संबंधित कॉलेज हिचकिचाएं नहीं।
10,361 इंजीनियरिंग महाविद्यालय
सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि देश में 10,361 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, जो एआईसीटीई से अप्रूव्ड हैं। इनमें कुल 3,701,366 सीटें हैं। उन्होंने कहा कि कई कॉलेजों को बंद करने के साथ ही हम लाइफ स्किल और रियल लाइफ दिक्कतों पर फोकस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने नैशनल स्टूडेंट स्टार्टअप पॉलिसी भी बनाई है, जिससे स्टूडेंट्स देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में भागीदार बनें।