जयपुर। कोविड-19 के बाद जहां कई राज्यों में स्कूल खोले जाने की तैयारी चल रही है, वहीं राजस्थान में निजी स्कूलों ने हड़ताल पर जाने की बात कही है। इसमें सीबीएसई (CBSE), राजस्थान बोर्ड (Rajasthan Board) और मिशनरी स्कूल्स.. सभी शामिल हैं।
फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स इन राजस्थान ने कहा है कि 5 नवंबर 2020 से राज्य में सभी निजी स्कूल अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। इसका कारण स्कूल फीस के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी नया निर्देश है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फोरम ने कहा कि ‘पिछले सात महीनों से स्कूलों और पैरेंट्स के बीच फीस को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। लेकिन अब यह मामला गंभीर हो गया है। निजी स्कूल गंभीर आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि स्कूल बंद होने की कगार पर आ चुके हैं। फंड की कमी के कारम स्कूल्स अब संचालन का खर्च और अपने कर्मचारियों की सैलरी देने में भी असमर्थ हैं।’
सरकार से की ये मांग
प्राइवेट स्कूल्स फोरम ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुजारिश की है कि वह इस मुश्किल समय में उनका साथ दें। 9 सितंबर 2020 को राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश को अमल कराएं, ताकि पैरेंट्स दिवाली से पहले फीस जमा करने को लेकर स्पष्ट रहें। नहीं तो सरकार स्कूलों को रिलीफ फंड दें।
राजस्थान हाईकोर्ट ने 9 सितंबर को स्कूलों द्वारा 70 फीसदी तक ट्यूशन फीस ले लेने का निर्देश दिया था। लेकिन हाल में राजस्थान सरकार ने सभी निजी व सरकारी स्कूलों में सिलेबस घटाए जाने के कारण 30 से 40 फीसदी फीस कटौती करने का भी निर्देश जारी किया है।
इन सब का जिक्र करते हुए फोरम ने कहा कि हाल के ये आदेश काफी उलझनें पैदा कर रहे हैं। फीस कलेक्शन में देरी से प्रदेश के करीब 50 हजार स्कूल और इनमें काम करने वाले करीब 11 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे। इसलिए अगर ये समस्या और टली या फिर उनकी मांग के विरुद्ध गई तो स्कूलों को 5 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना होगा। प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन ऑफ राजस्थान, कैथोलिक स्कूल्स ग्रुप और स्कूल शिक्षा परिवार समेत अन्य संगठनों ने भी फोरम के इस फैसले का समर्थन किया है।