नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने के बाद से नए नियमों के जाल में फंसे निर्यातकों को दिल्ली सरकार स्पेशल सेल के जरिए सहूलियतें देने जा रही है। फिलहाल बिना टैक्स चुकाए निर्यात के लिए जरूरी फॉर्म FRD-11 कॉमन पोर्टल पर उपलब्ध नहीं होने के चलते ट्रेड एंड टैक्सेज विभाग ने इसे मैन्यूअली मुहैया कराने की सुविधा शुरू कर दी है।
सीबीईसी की ओर से 1 जुलाई को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि अगर निर्यातक बिना आईजीएसटी का भुगतान किए गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई करना चाहता है तो उसे अपनी रेंज के असिस्टेंट कमिश्नर को GST-RFD-11 फॉर्म के साथ लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) या बॉन्ड सौंपना होगा।
इसकी शर्तें होंगी कि अगर वह इनवॉइस जारी करने के तीन महीने के भीतर तय गुड्स या सर्विस का निर्यात नहीं करता तो तीन महीना बीतने के 15 दिन के भीतर उसे तय आईजीएसटी के साथ ही ब्याज देना होगा।
दिल्ली ट्रेड एंड टैक्सेज विभाग के स्पेशल कमिश्नर कपिल सिंह ने बताया कि जीएसटी कॉमन पोर्टल पर यह सुविधा अभी बहाल नहीं होने के चलते बड़े पैमाने पर निर्यातकों की ओर से शिकायतें आ रही थीं और एक्सपोर्ट ऑर्डर व कंसाइमेंट रुके पड़े थे।
विभाग ने अपने जीएसटी फैसिलिटेशन सेंटर में स्थानीय निर्यातकों के लिए एक सेल बनाया है, जहां से जीएसटी आरएफडी-11 फॉर्म लिया जा सकता है। फिलहाल यह फॉर्म सुबह 10.30 से 1.30 तक मिलेगा, जबकि एक्सेप्टेंस लेटर 2.30 से 4.00 बजे तक जारी होंगे।
उन्होंने बताया कि एलयूटी के लिए एक्सेप्टेंस लेटर एक साल के लिए वैलिड होगा, जबकि बॉन्ड के लिए इसकी वैधता 31 मार्च तक होगी। दिल्ली गुड्स एंड सर्विस टैक्स रूल्स के रूल 96ए के मुताबिक जीएसटी आरएफडी-11 के साथ बॉन्ड भरने के लिए एक बैंक गारंटी भी देनी होगी, जो बॉन्ड की रकम का 15 पर्सेंट होगी।
ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स के जनरल सेक्रेटरी संजय शर्मा ने बताया कि एलयूटी और बॉन्ड के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि निर्यातक वास्तव में निर्यात कर रहा है। निर्यात चूंकि जीरो रेटेड है, ऐसे में टैक्स लाइबिलिटी तो नहीं बनती, लेकिन उसे पहले टैक्स जमा करना होता है और फिर रिफंड मिलता है।
लेकिन बिना टैक्स निर्यात के लिए जरूरी फॉर्म आरएफडी-11 जीएसटी कॉमन पोर्टल पर उपलब्ध नहीं होने के चलते हजारों निर्यातकों का काम अधर में लटका था। स्टेट लेवल पर मैन्यूअल फॉर्म जारी होने से उन्हें काफी मदद मिलेगी।