1 अक्टूबर से GST e-invoicing होगी अनिवार्य, जानिए किस पर होगी लागू

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नई दिल्ली। ई-एन्वॉयसिंग पर और ज्यादा समय मिलने की उम्मीद नहीं है। सरकार पहली अक्टूबर से ही जीएसटी ई-एन्वॉयसिंग को अनिवार्य करने के फैसले पर आगे बढ़ सकती है। अभी तक के फैसले के मुताबिक 500 करोड़ रुपए से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनियों के बिजनेस-टू-बिजनेस (बी-टू-बी) ट्रांजेक्शन पर 1 अक्टूबर से ई-एन्वॉसिंग अनिवार्य कर दिया जाएगा।

उद्योग के प्रतिनिधियों ने हालांकि सरकार से अनुरोध किया है कि ई-एन्वॉयसिंग को अनिवार्य नहीं बनाया जाए, बल्कि इसके पालन को स्वैच्छिक रखा जाए। ई-एन्वॉयसिंग से हालांकि छोटी कंपनियों को राहत मिलेगी। पहले 100 करोड़ रुपए से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए ई-एन्वॉयसिंग अनिवार्य करने की योजना थी। जीएसटी काउंसिल की अधिकार प्राप्त समिति ने न्यूनतम सालाना टर्नओवर सीमा को बढ़ाकर 500 करोड़ रुपए करने का सुझाव दिया है।

टैक्स अनुपालन में सुधार की उम्मीद
ई-एन्वॉयसिंग से टैक्स अनुपालन में और सुधार होने की उम्मीद है। पहले 1 अप्रैल 2020 से ही जीएसटी ई-एन्वॉयसिंग अनिवार्य करने की योजना थी। केंद्र ने हालांकि इसके लिए संशोधित तिथि के रूप में 1 अक्टूबर 2020 को नोटिफाई किया।

कंपनियों की कार्य क्षमता में भी होगा सुधार
गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क के वेबसाइट के मुताबिक कंपनियों के लिए ई-एन्वॉयसिंग के अनेक फायदे हैं। इनमें स्टैंडर्डाइजेशन, इंटरऑपरेबिलिटी, जीएसटी रिटर्न और अन्य फॉर्म्स (जैसे ई-वे बिल) में खुद-ब-खुद एन्वॉयस के विवरण का दर्ज हो जाना, प्रोसेसिंग कॉस्ट घटना, विवाद में कमी आना और पेमेंट साइकल में सुधार होना शामिल हैं। इसलिए ई-एन्वॉयसिंग से कंपनियों की कार्यक्षमता बेहतर होने की उम्मीद है।