राज्‍यसभा से सस्‍पेंड हुए 8 सांसदों ने फिर वेल में की नारेबाजी, रोकी कार्यवाही

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नई दिल्‍ली। राज्‍यसभा में हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को बेहद नाटकीय घटनाक्रम के बाद, सोमवार को 8 सांसद निलंबित कर दिए गए। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन शुरू होते ही एक हफ्ते के निलंबन की घोषणा की। इसके बाद हंगामा हुआ तो सदन सुबह 10 बजे तक स्‍थगित कर दिया गया। दोबारा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कार्यवाही शुरू कराई तो सस्‍पेंड हुए सांसद फिर नारेबाजी करते हुए वेल तक पहुंच गए। सिंह ने उनसे सदन से बाहर जाने को कहा मगर वे नहीं माने। उपसभापति ने हंगामा बढ़ता देख सदन को फिर आधे घंटे के लिए स्‍थगित कर दिया।

नायडू ने सांसदों की लगाई क्‍लास
सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि कल हंगामे के दौरान सदस्यों का व्यवहार आपत्तिजनक और असंसदीय था। उन्होंने कहा कि कल का दिन राज्यसभा के लिए बहुत खराब दिन था। इस दौरान सदस्यों ने उपसभापति के साथ अमर्यादित आचरण भी किया। इस दौरान सदन में हंगामा जारी रहा। सरकार ने आठ विपक्षी सदस्यों को मौजूदा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया।

इन्‍हें किया गया सस्‍पेंड

  1. डेरेक ओ’ब्रायन (तृणमूल कांग्रेस)
  2. संजय सिंह (आम आदमी पार्टी)
  3. राजू साटव (कांग्रेस)
  4. केके रागेश (सीपीआई-एम)
  5. रिपुण बोरा (कांग्रेस)
  6. डोला सेन (तृणमूल कांग्रेस)
  7. सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस)
  8. एलमाराम करीम (सीपीआई-एम)

डिप्‍टी चेयरमैन के खिलाफ प्रस्‍ताव खारिज
राज्यसभा के सभापति ने उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया। नायडू ने कहा कि प्रस्ताव उचित प्रारूप में नहीं था। विपक्ष ने एक दिन पहले अपने संशोधनों पर मतविभाजन की मांग ‘‘स्वीकार’’ नहीं किए जाने को लेकर उपसभापति के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था। सभापति नायडू ने कहा कि उपसभापति ने कहा था कि सदस्य अपने स्थानों पर लौट जाएं उसके बाद वह मतविभाजन कराएंगे। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ पेश प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप में नहीं है। इसके लिए जरूरी 14 दिनों के समय का भी पालन नहीं किया गया है।