मुंबई । कंगना रनौत और शिवसेना सहित महाराष्ट्र सरकार के बीच दिन ब दिन तनाव बढ़ता ही जा रहा है। दोनों तरफ से शब्दों के बाण चलाए जा रहे हैं। इस क्रम में आज कंगना ने एक नया बयान दिया है। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा है कि उन्हें जो शब्द कहा गया है, उसका मतलब उन्होंने शब्दकोष से ढूंढ निकाला है। इसका मतलब होता है मुफ्तखोर यानी जो मुफ्त का खाता है।
कंगना ने कहा कि वह सबसे ज्यादा फीस पाने वाली अभिनेत्री हैं। वह 15-20 करोड़ का टैक्स महाराष्ट्र सरकार को भरती हैं। अपने स्टाफ और क्रू मेंबर्स के लिए रोजगार उपलब्ध कराती हैं। जब उनकी फिल्में रिलीज होती हैं, तो थिएटर में कई लोगों को रोजगार मिलता है। ऐसे में वह मुफ्तखोर नहीं हैं।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कंगना रनोट के लिए कुछ दिनों पहले हरामखोर लड़की शब्द का प्रयोग किया था। अब कंगना ने इसका जवाब देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और संजय राउत से कुछ सवाल पूछे हैं। कंगना ने कहा कि मैं उद्धव ठाकरे से सवाल करना चाहती हूं कि उन्हें बाला साहेब ठाकरे की संपत्ति, शक्ति, शिवसेना और लोगों की वफादारी विरासत में मिली है। फिर भी उन्होंने अपनी विचारधारा को पीछे छोड़ दिया है, तो मुफ्तखोर कौन है?
कंगना ने यह भी कहा कि उन्होंने मुंबई पुलिस को निशाना नहीं बनाया था, बल्कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के प्रशासन के बारे में बात कर रही थीं। कंगना ने कहा कि मैं हमेशा दान करती आई हूं। देश और महाराष्ट्र राज्य की भलाई के लिए अपनी मेहनत से कमाए गए धन का उपयोग कर रही हूं।
मैं मुफ्तखोर कैसे हो सकती हूं? शिवसेना को सोनिया सेना बताते हुए कंगना ने संजय राउत से पूछा कि अर्थव्यवस्था में संजय राउत का क्या योगदान है? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संजय राउत को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।
टूटे हुए ऑफिस की कुछ तस्वीरें साझा
कंगना ने अपने टूटे हुए ऑफिस की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए इसे अपने सपनों का दुष्कर्म बताया। कगंना ने अपनी अलग-अलग पोस्ट में लिखा, एक उम्र बीत जाती है घर बनाने में और तुम आह भी नहीं करते बस्तियां जलाने में। यह देखो क्या से क्या कर दिया मेरे घर को। क्या यह दुष्कर्म नहीं? यह दुष्कर्म है-मेरे सपनों का, मेरे हौसलों का, मेरे आत्मसम्मान का और मेरे भविष्य का।