कोरोना ने नहीं, लॉकडाउन ने तोड़ी व्यापार एवं उद्योग की कमर-माहेश्वरी

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कोटा। ट्रक रिपेयरिंग वर्कशॉप एसोसिएशन की ओर से आज सघन वृक्षारोपण का कार्यक्रम विश्वकर्मा नगर ट्रांसपोर्ट नगर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि लॉकडाउन एवं कोरोनावायरस (coronavirus) के चलते पिछले 6 माह से व्यापारी उद्यमी आमजन पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। व्यापारी एवं उद्यमी भयंकर घाटे में चल रहे हैं।

बार-बार किए जा रहे हैं लॉकडाउन से कोरोना के फैलाव में कोई फर्क नहीं पड़ा, वरन व्यापार एवं रोजगार छिन गया। माहेश्वरी ने बार-बार के लॉकडाउन को अविवेकपूर्ण निर्णय बताते हुए इसे व्यापार एवं रोजगार के लिए वायरस बताया जो व्यापार एवं रोजगार को धीरे-धीरे खत्म कर रहा है।

व्यापार महासंघ द्वारा लॉकडाउन की अति हो जाने पर कड़ा कदम उठाया। उन्होंने जिला प्रशासन एवं सरकार तक व्यापारियों की बात को पहुंचाया। इसके बाद प्रशासन ने इस दिशा में निर्णय लेकर सराहनीय कार्य किया है। हमें विश्वास है कि आगे लॉकडाउन जैसे कदम नहीं उठाए जाएंगे। वरन कोरोनावायरस को रोकने के सार्थक कदम उठाए जाएंगे। इस कार्य में महासंघ सहयोग करने के लिए हम तैयार हैं।

माहेश्वरी ने विश्वकर्मा नगर एवं ट्रांसपोर्ट नगर गोबरिया बावड़ी क्षेत्र में सड़कों एवं व्यवस्थाओं का जायजा लिया एवं वहां के व्यापारियों को विश्वास दिलाया कि इस क्षेत्र की व्यवस्थाओं के लिए महासंघ जिला प्रशासन से बात कर इन सड़कों एंव अव्यवस्थाओं को दुरस्त करवाने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन वाले मसले पर पूरे कोटा के व्यापारियों द्वारा दिखाई एकजुटता के परिणाम स्वरुप ही सफलता मिल पाई है।

ट्रक रिपेयरिंग वर्कशॉप एसोसिएशन के अध्यक्ष हरविंदर सिंह ने कहा कि हमारी संस्था द्वारा कोटा व्यापार महासंघ के आव्हान पर लॉकडाउन के समय सैकड़ों राशन के किट टिपटा, श्रीपुरा एवं कैथूनीपोल में बांटे गए।अब संस्था द्वारा क्षेत्र में 100 से अधिक टी गार्ड एवं वृक्ष लगाने का बीड़ा उठाया है। इसका संचालन भी संस्था द्वारा किया जाएगा। हमने सभी व्यापारियों मिस्त्रियो को मास्क लगाने एवं सोशल डिस्टेंस के लिए पाबंद किया है।

एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष अख्तर भाई ने कहा कि हमारे क्षेत्र में सैकड़ों दुकानदार एवं हजारों श्रमिक काम करते हैं कोटा में बार-बार लॉकडाउन से व्यापारियों एवं कर्मचारियों व श्रमिकों के सामने भूखे मरने की स्थिति आ चुकी है।