नई दिल्ली। ‘मन की बात’ के 68वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोषण की जरूरत पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सितंबर को ‘न्यूट्रिशन मंथ’ के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने देसी ऐप्स के बारे में बताते हुए देशवासियों से अपील कि वे भी ‘आगे आएं, कुछ इनोवेट करें, कुछ इम्प्लीमेंट करें। आपके प्रयास, आज के छोटे-छोटे स्टार्ट-अप्स, कल बड़ी-बड़ी कंपनियों में बदलेंगे और दुनिया में भारत की पहचान बनेंगे।’ उन्होंने लोकल खिलौनों के लिए ‘वोकल’ होने की भी अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने गांधीनगर की चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी से मिले अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि ‘ हमने इस बात पर मंथन किया कि भारत के बच्चों को नए-नए खिलौने कैसे मिलें। भारत टॉय प्रॉडक्शन का बहुत बड़ा हब कैसे बने।” पीएम ने कहा कि ‘आप सोचिए कि जिस राष्ट्र के पास इतनी विरासत हो, परम्परा हो, विविधता हो, युवा आबादी हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी, हमें, अच्छा लगेगा क्या? जी नहीं, ये सुनने के बाद आपको भी अच्छा नहीं लगेगा।’ उन्होंने कहा, “अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिये वोकल होने का समय है। आइए, हम अपने युवाओं के लिये कुछ नए प्रकार के, अच्छी क्वालिटी वाले खिलौने बनाते हैं।”
कोरोना पर नागरिकों में जिम्मेदारी का एहसास
प्रधानमंत्री से ‘मन की बात’ के शुरुआत में कहा, “आमतौर पर ये समय उत्सव का होता है, जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं। कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग तो है, उत्साह भी है, लेकिन, हम सबको मन को छू जाए, वैसा अनुशासन भी है। बहुत एक रूप में देखा जाए तो नागरिकों में दायित्व का एहसास भी है। लोग अपना ध्यान रखते हुए, दूसरों का ध्यान रखते हुए, अपने रोजमर्रा के काम भी कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि ‘गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो, ज्यादातर जगहों पर इस बार इकोफ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई है।’