कोटा। जिला स्वास्थ्य समिति एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोटा के निविदा क्रमांक 71-17 – 2020 के तहत मैनपावर सप्लाई के लिए जारी गई निविदाओं में फर्जीवाड़ा होने की शिकायत के आधार पर संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं ने आदेश जारी कर टेंडर निरस्त कर दिया है।
शिकायत के बाद दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था, गठित कमेटी ने जांच रिपोर्ट में कई नियमों का उललंघन पाया है, जिसके चलते टेंडर को निरस्त करने के आदेश जारी किए गए हैं। कार्तिकेय एज्यूकेशन एण्ड ट्रेनिंग इस्टीट्यूट की अध्यक्ष मीना नामा निवासी ग्रांड होटल की गली रामपुरा कोटा ने बताया कि सत्य की विजय होने के साथ ही भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा है।
उन्होंने कहा कि अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए बार-बार हमे परेशान किया गया और जिन दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं थी, उन्हें भी अल्प समय में मंगवाया गया। उसके बाद भी हमारी फर्म ने सभी शर्ते व नियमों को पूरा किया। सभी मांगी गई आपत्तियों के जवाब लिखित में दिए गए। उसके बाद भी कार्तिकेय एज्यूकेशन एण्ड ट्रेनिंग इस्टीट्यूट को निविदा प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था, जो गलत था।
मीना नामा ने बताया कि उन्होंने इस भ्रष्टाचार की शिकायत संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं परिक्षेत्र कोटा, जिला कलक्टर कोटा, संभागीय आयुक्त कोटा, मुख्य शासन सचिव जयपुर (रजिस्टर्ड डाक), शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाएं सचिवालय, विशिष्ट शासन सचिव, जयपुर, चिकित्सा मंत्री, मुख्यमंत्री तक को इसकी शिकायत भेजी थी।
अधिकारियों ने शिकायत को सही पाया और टेंडर को निरस्त करने की कार्रवाई की जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि टेंडर किसी के भी जाए, लेकिन नियमों का उलंघन नहीं होना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जानबूझ कर कार्तिकेय एज्यूकेशन एण्ड ट्रेनिंग इस्टीट्यूट को बाहर किया और अपने चहेतों को मेन पावर का टेंडर दिया और वर्कऑर्डर भी जारी कर दिया था