जयपुर। राजस्थान के सियासी रण के तेजी से बदल रहे घटनाक्रम के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने से जुड़ा नया प्रस्ताव अशोक गहलोत सरकार को कुछ सुझावों और सवालों के साथ लौटा दिया। राज्यपाल ने सत्र पर सशर्त सहमति देते हुए कहा, 21 दिन का स्पष्ट नोटिस देकर सत्र बुलाया जाना चाहिए। पर, सरकार विश्वासमत हासिल करना चाहती है, तो यह जल्द सत्र बुलाए जाने का आधार बन सकता है। उन्होंने सरकार से नया प्रस्ताव भी मांगा है।
वहीं, इस गहमागहमी के बीच कांग्रेस ने सोमवार को राजस्थान को छोड़कर देश के सभी राजभवनों पर प्रदर्शन किया। उधर, राजस्थान हाईकोर्ट ने बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ भाजपा की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी है। जबकि, विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने सोमवार को हाईकोर्ट के 21 जुलाई के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली।
राजभवन द्वारा जारी बयान के मुताबिक, मीडिया में राज्य सरकार के बयान से यह साफ है कि वह विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव लाना चाहती है, मगर सत्र बुलाने के प्रस्ताव में इसका कोई उल्लेख नहीं है। इस के साथ राज्यपाल ने गहलोत सरकार से सत्र बुलाने से संबंधित फिर प्रस्ताव मांगा है।
हालांकि, बयान में यह भी कहा गया है कि राज्यपाल सत्र बुलाने को राजी हैं, मगर इसे 21 दिन का स्पष्ट नोटिस देकर बुलाया जाए। यह शर्त राज्यपाल के उन तीन सुझावों में है, जिसके आधार पर गहलोत सरकार से जवाब मांगा गया है। राज्यपाल ने कहा है कि विधानसभा सत्र सांविधानिक प्रावधानों के अनुकूल आहूत करना जरूरी है।
राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 174 के तहत ये सुझाव देते हुए सत्र बुलाने के लिए कार्यवाही के निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं। उन्होंने कहा, सत्र न बुलाने की कोई मंशा राजभवन की नहीं है। वर्तमान परिस्थितियां असाधारण हैं, इसलिए सरकार को तीन बिंदुओं पर कार्यवाही करने की सलाह देते हुए राजभवन द्वारा पत्रावली फिर देने के निर्देश दिए गए हैं।
ऑनलाइन हो चर्चा तो कोरोना से बचा जा सकता है
विधानसभा सत्र 21 दिन का स्पष्ट नोटिस देकर बुलाया जाए, जिससे संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत मौलिक अधिकारों की मूल भावना के तहत सभी को समान अवसर की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। अत्यंत महत्वपूर्ण सामाजिक एवं राजनीतिक प्रकरणों पर स्वस्थ बहस देश की शीर्ष संस्थाओं जैसे सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट की तरह ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किए जा सकते हैं, ताकि सामान्य जनता को कोरोना के संक्रमण से बचाया जा सके।
विश्वास मत हासिल करने की कार्यवाही की हो वीडियो रिकॉर्डिंग
पत्र में कहा गया है कि अगर विश्वास मत हासिल किया जाता है तो विधानसभा कार्रवाई प्रमुख सचिव की मौजूदगी में हो और संपूर्ण कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाए और उसका लाइव प्रसारण भी हो। साथ ही विश्वास मत केवल हां या न के बटन के माध्यम से ही किया जाए।
सामाजिक दूरी का पालन कैसे होगा?
राजभवन ने सरकार से यह भी पूछा है कि सत्र बुलाया जाता है तो सामाजिक दूरी का पालन कैसे होगा? क्या ऐसी व्यवस्था है कि 200 विधायकों और 1000 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को जुटने पर उनको संक्रमण का कोई खतरा नहीं हो। अगर उनमें से किसी को संक्रमण हुआ तो उसे अन्य में फैलने से कैसे रोका जाएगा।
गहलोत ने पीएम से की राज्यपाल की शिकायत
गहलोत ने राज्य के मौजूदा हालात को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की है। गहलोत ने कुछ दिन पहले भी पीएम को इस मामले में पत्र लिखा था। जयपुर के होटल में विधायकों से बातचीत में सीएम ने कहा, मैंने राज्यपाल के रवैये के बारे में पीएम से बात की है और उन्हें मौजूदा सियासी हालात से अवगत कराया है। सात दिन पहले गवर्नर को जो पत्र लिखा उसके बारे में प्रधानमंत्री को बताया है।