नई दिल्ली। प्राइवेट बैंक एचडीएफसी ने मंगलवार को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) रेट में 20 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। ये कटौती 7 जुलाई से प्रभावी हो गई है। एचडीएफसी बैंक ने अपने एक साल के MCLR को 7.65 फीसदी से घटाकर 7.45 फीसदी कर दिया है। इससे पहले 6 जुलाई को केनरा बैंक ने भी MCLR रेट में 10 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है।
सभी टेन्योर (अवधि) के लिए की कटौती
टेन्योर (अवधि) | नई MCLR रेट(%) | पुरानी MCLR रेट(%) |
ओवरनाइट | 7.10 | 7.30 |
1 महीने | 7.15 | 7.35 |
3 महीने | 7.20 | 7.40 |
6 महीने | 7.30 | 7.50 |
1 साल | 7.45 | 7.65 |
2 साल | 7.55 | 7.75 |
3 साल | 7.65 | 7.85 |
केनरा बैंक ने 10 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है
केनरा बैंक की ओर से जारी बयान के अनुसार, बैंक की एक साल की अवधि के लिए MCLR 7.65 फीसदी से घटाकर 7.55 फीसदी कर दिया है। ओवरनाइट और एक महीने की अवधि वाली उधारी दरें भी 0.10 फीसदी घटकर 7.20 फीसदी रह गई हैं। इसी तरह, तीन महीने का MCLR 7.55 फीसदी से घटकर 7.45 फीसदी रह गया है। ये कटौती 7 जुलाई से प्रभावी हो गई हैं।
MCLR रेट में 20 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की
बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) ने एक साल की MCLR 7.70 फीसदी से घटाकर 7.50 फीसदी कर दी है। ओवरनाइट, एक महीने और तीन महीने की अवधि के MCLR घटकर क्रमश: 7 फीसदी, 7.10 फीसदी और 7.20 फीसदी पर आ गई हैं। इसी तरह, बैंक ने 6 महीने की अवधि के MCLR को 7.50 फीसदी से घटाकर 7.30 फीसदी कर दिया है। ये कटौती 7 जुलाई से प्रभावी हो गई हैं।
RBI ने घटाई थी रेपो रेट
बैंकिंग व्यवस्था में पिछले कुछ महीनों में कर्ज की ब्याज दरों में गिरावट हुई है। RBI ने पिछले महीने रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती की थी जिसके बाद यह 4 फीसदी के निचले स्तर पर आ गया। इसके पहले मार्च में भी रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई थी।
MCLR क्या है?
बैंक 2016 से MCLR के आधार पर कर्ज दे रहे हैं। जब आप किसी बैंक से कर्ज लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है। इसी आधार दर की जगह पर अब बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी गणना बैंक के संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है। बाद में इस गणना के आधार पर लोन दिया जाता है। यह आधार दर से सस्ता होता