डॉलर के मुकाबले रुपया दो वर्षों के उच्चतम स्तर पर

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नई दिल्ली । आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा नीति से पहले भारतीय रुपए ने करीब दो साल बाद डॉलर के मुकाबले 64 के स्तर को तोड़ दिया है। बुधवार को रुपया 5 पैसे की मजबूती के साथ 64.12 पर खुला था।

रुपया दिन के कारोबार में 63.82 के स्तर पर पहुंच गया, यह स्तर पहले 10 अगस्त 2015 को देखा गया था। दिन के करीब 12 बजकर 39 मिनट पर रुपया 63.85 प्रति डॉलर पर कारोबार करता दिखा, जो कि मंगलवार की क्लोजिंग के मुकाबले 0.34 फीसद की बढ़त है। मंगलवार को रुपया 64.08 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

जानिए रुपए की मजबूती से आम आदमी को कौन से 4 बड़े फायदे होंगे।

सस्ता होगा विदेश घूमना: रुपए के मजबूत होने से वो लोग खुश हो सकते हैं जिन्हें विदेश की सैर करना काफी भाता है। क्योंकि अब रुपए के मजबूत होने से आपको हवाई किराए के लिए पहले के मुकाबले थोड़े कम पैसे खर्च करने होंगे।

मान लीजिये अगर आप न्यूयॉर्क की हवाई सैर के लिए 3000 डॉलर की टिकट भारत में खरीद रहे हैं तो अब आपको कम भारतीय रुपए खर्च करने होंगे।

विदेश में बच्चों की पढ़ाई होगी सस्ती: अगर आपके बच्चे विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं तो रुपए का मजबूत होना आपके लिए एक अच्छी खबर है। क्योंकि अब आपको पहले के मुकाबले थोड़े कम पैसे भेजने होंगे।

मान लीजिए अगर आपका बच्चा अमेरिका में पढ़ाई कर रहा है, तो अभी तक आपको डॉलर के हिसाब से ही भारतीय रुपए भेजने पड़ते थे। यानी अगर डॉलर मजबूत है तो आप ज्यादा रुपए भेजते थे, लेकिन अब आपको डॉलर के कमजोर (रुपए के मजबूत) होने से कम रुपए भेजने होंगे। 

क्रूड ऑयल होगा सस्ता तो थमेगी महंगाई: डॉलर के कमजोर होने से क्रूड ऑयल सस्ता हो सकता है। यानी जो देश कच्चे तेल का आयात करते हैं, उन्हें अब पहले के मुकाबले (डॉलर के मुकाबले) कम रुपए खर्च करने होंगे।

भारत जैसे देश के लिहाज से देखा जाए तो अगर क्रूड आयल सस्ता होगा तो सीधे तौर पर महंगाई थमने की संभावना बढ़ेगी। आम उपभोक्ताओं के खाने-पीने और अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति परिवहन माध्यम से की जाती है, इसलिए महंगाई थम सकती है।

डॉलर में होने वाले सभी पेमेंट सस्ते हो जाएंगे: वहीं अगर डॉलर कमजोर होता है तो डॉलर के मुकाबले भारत जिन भी मदों में पेमेंट करता है वह भी सस्ता हो जाएगा। यानी यह भी भारत के लिए एक राहत भरी खबर है।